UP में रोहिंग्या और बाग्लादेशियों को अवैध रूप से बसाने का करते थे काम, नूर आलम और आमिर हुसैन गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश में एटीएस (ATS) को बड़ी सफलता हाथ लगी है. मंगलवार को यूपी एटीएस ने गाजियाबाद से दो अवैध रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी फर्जी दस्तावेजों से भारत में रह रहे थे. यूपी ATS के मुताबिक आरोपी भारत में अवैध रूप से रोहिंग्याओं की एंट्री कराता था. गिरफ्तार किए गए दोनों लोग भी रोहिंग्या के ही हैं. यूपी एटीएस के एडीजी जीके गोस्वामी ने बताया कि मेरठ में रह रहे नूर आलम उर्फ रफ़ीक और नई दिल्ली में रह रहे आमिर हुसैन को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से यूएनएचसीआर का कार्ड, फर्जी पैनकार्ड व आधार कार्ड, भारतीय मुद्रा बरामद की गई है. 


यूपी एटीएस के एडीजी जीके गोस्वामी ने बताया कि मेरठ में रह रहे नूर आलम उर्फ रफ़ीक और नई दिल्ली में रह रहे आमिर हुसैन को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया है. ये दोनों भी रोहिंग्या हैं. एटीएस दोनों को कोर्ट में पेश करेगी और रिमांड पर लेकर पूछताछ की कोशिश करेगी. ताकि इनके गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में पता लगाकर उनकी भी गिरफ्तारी की जा सके.


अजीजुल्लाह का बहनोई है नूर आलम

जीके गोस्वामी ने बताया कि नूर आलम जनवरी 2021 में संतकबीरनगर से गिरफ्तार अजीजुल्लाह का बहनोई है. अजीजुल्लाह के खिलाफ पासपोर्ट एक्ट, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. एटीएस के मुताबिक वह बांग्लादेश से रोहिंग्याओं को लाकर भारत में बसाने का काम कर रहा था. पूछताछ में अजीजुल्लाह ने बताया था कि उसका बहनोई नूर आलम उर्फ रफीक ही गैंग का सरगना और मास्टर माइंड है.


म्यांमार के रहने वाले हैं दोनों आरोपी

एटीएस को जनवरी से ही नूर आलम की तलाश थी. नूर आलम बांग्लादेश के नयापाड़ा रिफ्यूजी कैंप में रह रहा था. वह मूलत: म्यांमार रखाइन प्रांत के क्वायसंग, थाना-मोइडू, जिला अक्याब का निवासी है और इन दिनों मेरठ के दरबार लबरखास में रह रहा था. वह अपने साथी आमिर हुसैन जो म्यांमार के मौगंडू जिला का मूल निवासी है, उसे भारत में बसाने की कोशिश में था. उसने आमिर के सभी जरूरी दस्तावेज फर्जी तरीके से बनवा लिए थे.


बांग्लादेश के रास्ते ला रहा था भारत

उन्होंने बताया कि शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि नूर आलम और आमिर हुसैन मस्जिदों में तक़रीर कर रोहिंग्या की मदद के नाम पर रकम भी वसूल कर रहे थे. नूर आलम ही अवैध रोहिंग्या को बांग्लादेश के रास्ते भारत ला रहा था, दोनों आरोपी म्यांमार के रखाइन प्रांत के रहने वाले हैं. इस गिरोह से जुड़े उन भारतीयो की पहचान की जा रही है जो अवैध रोहिंग्या के भारतीय पहचान पत्र बनवाने में मदद कर रहे थे. नूर आलम ने भी अपना आधार कार्ड बनवा लिया था.


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