गोरखनाथ मंदिर हमला: आरोपी मुर्तजा पर लगाया गया ‘UAPA’ एक्ट, लखनऊ ट्रांसफर हुआ केस

कुछ दिन पहले ही गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में एक संदिग्ध व्यक्ति ने पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला कर दिया था. इसकी गिरफ्तारी के बाद कई पहलू सामने आए. जांच में पता लगा कि आरोपी का नाम अहमद मुर्तजा अब्बासी है. इस व्यक्ति के संपर्क कई देश विरोधियों से थे, जिसके चलते अब इसके खिलाफ कार्रवाई और तेज होती जा रही है. दरअसल, आज ATS ने अहमद मुर्तजा अब्बासी पर ‘UAPA’ एक्ट यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत कार्रवाई की है. मुर्तजा पर UAPA की 16/18/20/40 धाराएं लगाई गई हैं. वहीं दूसरी तरफ ATS लखनऊ मुख्यालय पर मुर्तजा के जरिए मिले डेटा का भी एनालिसिस कर रही है, ताकि उसके खिलाफ ठोस सबूत जुटाए जा सकें

लखनऊ ट्रांसफर हुआ केस

जानकारी के मुताबिक, आज यानि शनिवार को रिमांड खत्म होने के साथ ही ATS ने मुर्तजा को सुबह 10.48 बजे गोरखपुर दीवानी कहचरी के ACJM फर्स्ट दीपक नाथ सरस्वती की कोर्ट में पेश किया. जहां यूपी एटीएस ने मुर्तजा को आतंकी संगठन का सदस्य बताया है. कोर्ट में बताया गया कि मुर्तजा अब्बासी सीधे आतंकी गतिविधियों में शामिल था.इसके साथ ही ATS ने मुर्तजा का केस लखनऊ ट्रांसफर कराने की कोर्ट में अर्जी भी दी.

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने यह केस NIA कोर्ट लखनऊ में ट्रांसफर करने की स्वीकृति दे दी. इसके साथ ही मुर्तजा को 30 अप्रैल तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश जारी कर दिया. ATS ने उसके ऊपर ‘UAPA’ एक्ट यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत कार्रवाई की है. मुर्तजा पर UAPA की 16/18/20/40 धाराएं लगाई गई हैं. इनमें आतंकवादी कृत्य के लिए सजा (धारा 16), साजिश की सजा (धारा 18), आतंकी गैंग का सदस्य (धारा 20) और आतंकवादी संगठन के लिए चंदा जुटाना (धारा 40) शामिल हैं.

लग सकता है देशद्रोह का केस

बता दें कि, मुर्तजा अब्बासी ने एटीएस को पूछताछ में बताया कि वह चाहता था कि देश में शरिया कानून लागू हो जाए. गोरखनाथ मंदिर पर बांके से हमला करने की मुख्य वजह क्रूरता को दिखाना था. यह भी मंशा थी कि गोरखनाथ मंदिर पर हमला से हाइप क्रिएट की जाए ताकि इसकी चर्चा बड़े स्टार पर हो. मुर्तजा ने पूछताछ में बताया कि विदेश में बैठे आकाओं ने ही बम के बजाए बांके या चापड़ से हमला करने के निर्देश दिए थे. यही नहीं मुर्तजा ने अपने लैपटॉप और मोबाइल फोन से कई अहम जानकारी डिलीट करने की बात भी क़ुबूल की है.

मुर्तजा के किसी आतंकी संगठन से सीधा जुड़े होने के पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगे हैं. ऐसे में उस पर देशद्रोह का केस अभी नहीं दर्ज हो सका. अब तक सामने आए बयानों, सबूतों और मुर्तजा की डेटा एनालिसिस के बाद अगर उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत ATS के हाथ लगते हैं तो आने वाले दिनों में उस पर देशद्रोह का केस भी चलाया जा सकता है.

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