शिवसेना (UBT) के नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर आरोप लगाते हुए कहा कि ठाकरे ने अपनी पार्टी के सांसदों को वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ लोकसभा में वोट डालने के लिए मजबूर किया। निरुपम के अनुसार, ठाकरे ने पांच बार अपने सांसदों को फोन करके इस बिल के खिलाफ मतदान करने का निर्देश दिया।
उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया
वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) के विरोध में शिवसेना (UBT) के सांसदों द्वारा वोट करने पर उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का उद्देश्य वक्फ भूमि पर कब्जा करना है। ठाकरे ने यह भी कहा कि मंदिरों, चर्चों और गुरुद्वारों की भी भूमि है, और बीजेपी केवल जमीन पर कब्जा करने के लिए यह बिल लाई है।
Also Read- लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हुआ वक्फ बिल, पक्ष में 128 वोट
बीजेपी के चंद्रशेखर बावनकुले की आलोचना
बीजेपी के महाराष्ट्र प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने बालासाहेब ठाकरे के मूल दृष्टिकोण को छोड़कर कांग्रेस की विचारधारा को अपनाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे आगामी मुंबई नगर निगम चुनावों के लिए वोटों की राजनीति में किसी भी हद तक जा सकते हैं।
उद्धव ठाकरे को कहा ‘मुस्लिम ह्रदय सम्राट’
संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे को ‘मुस्लिम ह्रदय सम्राट’ करार देते हुए उन्हें यह उपाधि दी। यह टिप्पणी वक्फ (संशोधन) बिल के खिलाफ उनकी स्थिति पर आधारित थी। निरुपम ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे को ‘हिंदू ह्रदय सम्राट’ के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब उद्धव ठाकरे को ‘मुस्लिम ह्रदय सम्राट’ के रूप में पहचान मिलनी चाहिए।
शिवसेना (UBT) के अंदरूनी मतभेद
शिवसेना (UBT) के भीतर कुछ नेताओं ने पार्टी की विचारधारा पर सवाल उठाए। शरद शिंदे ने कहा कि अगर बालासाहेब ठाकरे आज जिंदा होते, तो उद्धव ठाकरे के इस फैसले से उन्हें गहरा दुख होता।