संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की निंदा की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस हमले को जघन्य और कायराना कृत्य करार देते हुए कड़े शब्दों में निंदा की है.
सुरक्षा परिषद में चीन समेत शामिल 15 देशों ने हमले पर जारी निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया. संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी कर कहा, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को कायराना करना दिया. परिषद ने कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन गया है.
खास बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र की सबसे ताकतवर संस्था ने प्रेस को जारी किए अपने बयान में मसूद अजहर की अगुआई वाले आतंकी संगठन का नाम लिया है. यूएनएससी में चीन भी शामिल है, जो मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की भारत की कोशिशों का कई बार विरोध करते हुए वीटो पावर का इस्तेमाल कर चुका है. सुरक्षा परिषद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हमले के लिए जिम्मेदार तत्वों पर शिकंजा कसने में भारत सरकार का सक्रिय सहयोग करने की अपील की है.
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले पर यूएनएससी के बयान में कहा गया है, ‘सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में हुए सूइसाइड बॉम्बिंग के जघन्य और कायराना कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें भारतीय पैरा मिलिटरी फोर्स के 40 जवानों की मौत हुई है और दर्जनों जख्मी हो गए. इस हमले की जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली है.’
बयान में कहा गया है, ‘आतंकवाद के ऐसे निंदनीय कृत्य के लिए जिम्मेदार साजिशकर्ता, फाइनैंसर, और स्पॉन्सर को न्याय के दायरे में लाने की आवश्यकता है. हम सभी देशों को उनकी अंतरराष्ट्रीय कानूनी बाध्यताओं और सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का अनुपालन करते हुए भारत सरकार और दूसरी सभी एजेंसियों के साथ सक्रिय सहयोग की अपील करते हैं.’ बयान में आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरों में से एक बताया गया है.
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