उन्नाव (Unnao) के मदरसे (Madarsa) में छात्रों के साथ बदसलूकी करने और जय श्रीराम (Jai Shri Ram) के कथित रूप से नारे लगवाने के मामले में बड़ा खुलासा सामने आया है. पुलिस की जांच रिपोर्ट के मुताबिक़ नारे लगवाने जैसी कोई घटना नहीं हुई थी. यह विवाद क्रिकेट को लेकर हुआ था. खेल के दौरान ही बच्चों के बीच लड़ाई हुई थी. कुछ अराजक तत्वों ने माहौल खराब करने की कोशिश की, जिसकी पोल एक वायरल वीडियो ने खोल दी जिससे साफ़-साफ़ पता चलता है कि जय श्री राम का नारा लगवाने की बात पूरी तरफ से स्क्रिप्टेड थी.
क्या है वायरल वीडियो में ?
वीडियो बनाने वाले ने जमीन पर बैठे मदरसा के छात्र से कहा, ऊपर देखो बेटा..क्या हुआ था, खड़े हो. अभी वह कुछ बताता, इससे पहले ही बगल में खड़े युवक ने कहा, “वही बताओ जो अभी बताया गया है” छात्र ने पहले से तैयार स्क्रिप्ट पढ़ते हुए कहा- “क्रिकेट खेल रहे थे. कुछ लोग डंडा लिए थे, अचानक पकड़ा और हाथ पर मारने लगे. हमसे कहा कि नारा लगाओ। जब नहीं लगाया तो और मारा.जब हम भागने लगे तो ईंट मारने लगे. वीडियो बनाने वाले ने पूछा कि पिटाई करने वालों ने कोई मूवी बनाई तो छात्र ने कहा-नहीं. इसके बाद वीडियो बनाने वाले ने एक दूसरे छात्र को बुलाकर पूछा कि तुम्हारे साथ क्या हुआ. वह अपनी बात बता ही रहा था कि वीडियो बनाने वाले ने कहा कि क्या पैसे भी छीन लिए तो पीड़ित ने कहा- ‘हां, पैसे भी छीन लिए. इस दौरान यह भी दिख रहा है कि वीडियो बनाने वाले ने पैसे छीनने की बात पहले बोली फिर पीड़ित ने हामी भरी.
इमाम की धमकी, जो कहीं नहीं हुआ वो यहाँ होगा
जामा मस्जिद इमाम निसार अहमद मिस्बाही मामले को लेकर धमकियां देते हुए नजर आये. उन्होंने कहा प्रशासन के पास कल जुमे तक का वक्त है अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो “जो कहीं नहीं हुआ वो अब यहाँ होगा”. इमाम ने धमकी देते हुए कहा कि यदि आरोपियों पर एक्शन नहीं हुआ तो समझ लीजिये कि “कुछ भी हो सकता है”.
सूबे के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पी वी रामा शास्त्री ने देर रात पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि उन्नाव में मदरसे के बच्चों के साथ हुए झगड़े में जय श्रीराम का नारा लगवाने की बात झूठी साबित हुई है. रामाशास्त्री ने इस पूरे मामले पर स्थिति साफ करते हुए कहा कि पूरे मामले की पूरी तस्वीर साफ कर दी है. घटना केवल मारपीट तक की सीमित थी और इस दौरान जय श्री राम के नारे नहीं लगाए गए थे. लेकिन कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे थे, जिसे पुलिस और प्रशासन ने विफल कर दिया है.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पीवी राम शास्त्री और अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने इस मामले में लोकभवन के मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह जानकारी दी थी. यहां पीवी राम शास्त्री ने कहा कि उन्नाव में गुरुवार को क्रिकेट खेलने के दौरान दो पक्षों में आमने-सामने आ गए थे, जिनके बीच मारपीट हुई थी. स्थानीय पुलिस ने जानकारी होते ही तत्परता दिखाई और मौके पर पहुंचकर माहौल को सामान्य किया. इसके बाद धारा 323/352/504/506 के तहत मुकदमे भी लिखे. उन्होंने आगे बताया कि विवेचना में यह स्पष्ट पता चला है कि इस दौरान कोई धार्मिक नारे नहीं लगाए गए थे.
बता दें कि 11 जुलाई को दोपहर में जीआईसी मैदान में दारुल उलूम फैज-ए-आम मदरसे के बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे. तभी कुछ और युवक वहां पहुंच गए थे. जिसके बाद वहां क्रिकेट खेलने को लेकर विवाद होने लगा. मौलाना का आरोप है कि बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे तभी कुछ लड़के पहुंचे उन्होंने बच्चों से जय श्री राम के नारे लगाने को कहा. बच्चों ने मना किया तो युवकों ने मदरसे के छात्रों के साथ मारपीट की और उनके कपड़े फाड़ दिए. इसके बाद मदरसे के छात्रों ने मदरसा पहुंचकर पूरी घटना बताई और पुलिस को मामले की जानकारी दी.
पहले भी सामने आये ऐसे मामले
बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब मजहबी जूनून में जय श्री राम को लेकर अफवाह फैलाई गयी हो इससे पहले उन्नाव से ही सटे कानपुर को मदरसा छात्र ने ओवरटेक को लेकर हुए विवाद को जय श्री राम से जोड़कर बताया था जिसके बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने खूब बवाल मचाया था वहीँ जाच रिपोर्ट में ओवरटेक को लेकर हुए विवाद की बात निकलकर सामने आयी थी. ऐसी ही कुछ घटनाएँ अलीगढ़ और कुछ दूसरे जगहों से आयीं थीं जिनमें मजहबी जूनून के चलते घटनाओं को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गयी.
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