हमारे देश में राम के नाम पर सियासत आम बात है और अक्सर राम और अयोध्या चर्चा में बने रहते हैं। इस बार उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने माता सीता को लेकर कुछ ऐसा कह दिया था जिसपर बहुत विवाद हुआ और मामला कोर्ट तक पहुँच गया था। हालाँकि अब उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने अपने द्वारा दिए गए बयान पर माफी मांग ली है। बता दें कि डॉ. दिनेश शर्मा ने अपने बयान में कहा था कि ‘कहा जाता है कि सीता माता का जन्म जमीन के अंदर किसी घड़े के अंदर हुआ था। इसका मतलब साफ है कि रामायण काल में टेस्ट ट्यूब बेबी का कॉन्सेप्ट था।’ दिनेश शर्मा के इस बयान के बाद काफी विवाद हुआ था और साथ-साथ मजाक भी बनाया गया था।
रायबरेली में कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री ने मांगी माफ़ी
शुक्रवार को रायबरेली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए डेप्युटी सीएम ने कहा, ‘मेरे बयान से जिन्हें दुख पहुंचा है, मैं उनसे हमेशा माफी मांगने को तैयार हूं। मैं एक कार्यक्रम में प्राचीन काल और आज की तकनीक की तुलना करते हुए अपने विचार रखे थे लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने माता सीता पर टिप्पणी की थी।’
क्या कहा था दिनेश शर्मा ने –
गौरतलब है कि यूपी के मथुरा में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे दिनेश शर्मा ने कहा था कि पत्रकारिता महाभारत काल से होती आ रही है। उन्होंने यह भी कहा, ‘कहा जाता है कि सीता माता का जन्म जमीन के अंदर किसी घड़े के अंदर हुआ था। इसका मतलब साफ है कि रामायण काल में टेस्ट ट्यूब बेबी का कॉन्सेप्ट था।’ उन्होंने यह भी कहा था, ‘आज लाइव टेलिकास्ट होता है लेकिन उन्हें लगता है कि इसी तरह की तकनीक महाभारतकाल में भी थी। महाभारत के युद्ध का लाइव टेलिकास्ट संजय ने धृतराष्ट्र को सुनाया था।’
शिवसेना ने जताया था विरोध, कोर्ट तक पहुंच गया था मामला
इस बयान पर शिवसेना ने विरोध जताया था और कहा था कि दिनेश शर्मा ने माता सीता को टेस्ट ट्यूब बेबी बताकर हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंचाया है। दिनेश शर्मा द्वारा सीता को कथित तौर पर ‘टेस्ट ट्यूब बेबी’ बताए जाने के खिलाफ बिहार की एक अदालत में परिवाद पत्र दायर किया गया था, इसमें उनपर धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।