इस संकट की घड़ी में लोगों का रोजगार चला गया, ऐसे में यूपी 112 के जवान आगे आए और उनकी मदद की जिम्मेदारी उठाई। कई जगह पुलिसकर्मियों ने अपने रुपए से लोगों तक राशन पहुंचाया तो कई जगह दवा पहुंचाईं। कई जगह लोगों के लिए एम्बुलेंस बनकर पुलिस सामने अाई। अगर आंकड़ों की बात करें तो लॉकडाउन के समय में यूपी 112 ने तकरीबन तीन लाख लोगों की मदद की है।
यूपी 112 का मानवीय चेहरा आया सामने
जहां एक तरफ कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग अपने घरों में कैद है, वहीं दूसरी तरफ कोरोना वॉरियर्स यानी कि पुलिस के जवान लोगों की मदद को फील्ड पर तैनात हैं। ऐसे में जब लॉकडाउन था, तो लोगों ने हर तरह की मदद के लिए यूपी 112 को याद किया। फिर चाहे राशन खत्म हो गया हो, या दवा। पुलिसकर्मियों ने भी बखूबी जिम्मेदारी निभाते हुए सबका ध्यान रखा उनकी मदद की।
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इस बारे में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि लॉकडाउन में यूपी-112 ने 45 हजार बीमार, बुजुर्ग व जरूरतमंद व्यक्तियों तक जीवन रक्षक दवाइयां पहुंचाने और लगभग 26 हजार व्यक्तियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद की। इनमें गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग व कैंसर जैसी बीमारियों के मरीज भी शामिल हैं। साथ ही पीआरवी के माध्यम से 8 हजार से अधिक व्यक्तियों तक जरूरी वस्तुएं जैसे घरेलू गैस सिलेंडर, दूध व पेट्रोल-डीजल आदि भी पहुंचाया गया।
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने से मिला प्रॉफिट
पूरे देश में सबसे ज्यादा यूपी पुलिस ही सोशल मीडिया पर एक्टिव है, ये उसी का नतीजा है, कि लोग अगर किसी बात की शिकायत सोशल मीडिया पर करते हैं तो तुरन्त एक्शन लिया जाता है। लॉकडाउन में भी लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से जब जब मदद मांगी तब उनकी मदद को पुलिस खड़ी हुई।
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