UP: आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधन पर CM योगी ने जताया शोक, कहा- सदैव स्मरणीय रहेंगे

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित (Acharya Laxmikant Dixit) के निधन पर शोक जताया है। सीएम योगी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि प्रभु श्रीराम उनके शिष्यों व अनुयायियों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित काफी समय से बीमार चल रहे थे। शनिवार सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर वाराणसी में उन्होंने आखिरी सांस ली।

काशी के वरिष्ठ विद्वानों में होती है गिनती

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का गोलोकगमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके शिष्यों और अनुयायियों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!

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जानकारी के अनुसार, आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित 86 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उनका दाह संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य मंदिर में भगवान श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की गयी थी।

आचार्य दीक्षित की गिनती काशी के वरिष्ठ विद्वानों में होती है। लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के रहने वाले थे, लेकिन कई पीढ़ियों से उनका परिवार काशी में रह रहा है। लक्ष्मीकांत दीक्षित पूजा पद्धति में सिद्धहस्त और वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य रहे थे।

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