उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले भारतीय जनता पार्टी का बड़ा झटका लगा है। बदायूं (Budaun) जिले के बिल्सी (Bilsi) से भाजपा विधायक राधा कृष्ण शर्मा (BJP MLA Radha Krishna Sharma) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ज्वाइन कर ली है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में भाजपा विधायक को अपनी पार्टी की सदस्यता दिलाई है।
अखिलेश यादव ने दिलाई सदस्यता
समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर भाजपा विधायक राधा कृष्ण शर्मा के पार्टी में शामिल होने की जानकारी दी गई है। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर लिखा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में आस्था जताते हुए बदायूं, बिल्सी से भाजपा विधायक राधा कृष्ण शर्मा जी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए बदायूं, बिल्सी से भाजपा विधायक श्री राधा कृष्ण शर्मा जी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन। pic.twitter.com/BIWSMGiqoi
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) January 10, 2022
बदायूं जनपद को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। भारतीय जनता पार्टी ने बदायूं के बिल्सी में 1993 के बाद पहली बार 2017 में जीत दर्ज की थी और राधा कृष्ण शर्मा यहां विधायक चुने गए थे। शर्मा ने मतदान के 21 दिन पहले ही टिकट मिलने के बाद भी जीत दर्ज की थी। सूत्रो के अनुसार, आरके शर्मा बिल्सी में काफी दिन से भाजपा की गतिविधियों में सक्रिय नहीं थे। भाजपा उन्हें निष्क्रिय मानते हुए बिल्सी में अलग से तैयारी कर रही थी।
आंवला सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है सपा
बदायूं में भाजपा की जनविश्वास यात्रा के दौरान भी जब उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बिल्सी पहुंचे थे तब भी वह उपस्थित नहीं हुए थे। इसके अलावा जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जिला मुख्यालय पर जनसभा की थी तो सभी जन प्रतिनिधि उपस्थित हुए थे, लेकिन आरके शर्मा इसमें शामिल नहीं हुए थे। पिछले दिनों बरेली से इनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें इनके सपा में जाने की बात भी सुनाई पड़ी थी।
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बता दें कि साल 2017 विधानसभा चुनाव में वह अचानक यहां भाजपा में आकर बिल्सी से चुनाव लड़े थे। इसके बाद महज 21 दिन में विधायक बन गए थे। भाजपा से चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र में इनकी सक्रियता बहुत कम रही थी, इससे क्षेत्रीय लोगों में असंतोष बना हुआ था। भाजपा से इनका टिकट कटना भी तय माना जा रहा था, शायद इसलिए वह पहले से कहीं और से राजनीतिक पारी शुरू करने की कोशिश में लगे हुए थे। अब माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी उनको एक बार फिर आंवला सीट से चुनाव मैदान में उतर सकती है।
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