उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) का तीसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है। इस दौरान लोग पूरे उत्साह के साथ अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे है। दोपहर 3 बजे तक उत्तर प्रदेश में 48.81 फीसदी मतदान हुआ है। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रम्हदेव तिवारी ने बताया कि 59 विधानसभा सीटों के 16 जिले में अभी तक 35.88 प्रतिशत मतदान हुआ है। हाथरस में 36.67 प्रतिशत , फिरोजाबाद में 38.21, कासगंज में 37.57, एटा में 42.31, मैनपुरी में 41.08, फरूर्खाबाद में 35.10, कन्नौज में 37.90, इटावा में 36.26, औरैया में 35.12, कानपुर देहात में 34.43, कानपुर नगर में 28.56, जालौन में 37.43, झांसी में 32.86, ललितपुर में 42.10, हमीरपुर 35.83, महोबा में 38.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तीसरे चरण के मतदान के दौरान इटावा में समाजवादी पार्टी का कुनबा जुटा। समाजवादी पार्टी के संस्थापक तथा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव ने इटावा के सैफई में मतदान किया। व्हीलचेयर पर मतदान करने पहुंचे समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को देखने के लिए भारी भीड़ एकत्र थी। इटावा के जसवंतनगर से शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं।
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अखिलेश यादव के साथ मौजूद उनकी पूर्व सांसद पत्नी डिंपल यादव ने कहा कि प्रदेश में सिर्फ समाजवादी पार्टी ने ही महिलाओं के विकास के लिए काम किया है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में महिलाएं बेहद असुरक्षित हैं। ताजा मामला लखनऊ में एक महिला सिपाही का शव नाला में मिलने का है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। उत्तर प्रदेश की जनता तो अखिलेश यादव के साथ है। प्रदेश में सपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है। उत्तर प्रदेश की जनता अब बदलाव चाहती है। इस बार चुनाव में सपा को जनता का पूर्ण समर्थन मिल रहा है।
हाथरस विधानसभा क्षेत्र के गांव भीम नगरिया के लोगों ने सड़क निर्माण न होने के विरोध में मतदान का बहिष्कार कर दिया। वहीं, हाथरस सदर सीट से सपा प्रत्याशी ब्रजमोहन राही ने अपनी पत्नी के साथ मतदान किया।
कानपुर में बिल्हौर विधानसभा के कसगंवा गांव में पानी, नाली, पुल व तमाम समस्याओं से परेशान ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया। मतदान न होने की सूचना पर निर्वाचन संबंधित अधिकारियों के हाथ-पैर फूले। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों को समझाने व मांगी गई सारी मांगों को भी माना। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक लिखित तौर पर सारी चीजें नहीं दी जाएंगी तब तक बहिष्कार जारी रखेंगे।
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