उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly) में आज ऐतिहासिक नाजारा देखने को मिला है। यूपी विधानसभा ने शुक्रवार को किसी न्यायालय की तरह कार्रवाई की और सीओ समेत 6 पुलिसकर्मियों को एक दिन कारावास की सजा सुना दी। इन पुलिसकर्मियों को विधायक सलिल विश्नोई (Salil Vishnoi) की पिटाई के मामले में यूपी विधानसभा ने सजा सुनाई है सीओ समेत 6 पुलिसकर्मी विशेषाधिकार हनन के दोषी पाए गए हैं।
इस फैसले को नहीं दी जा सकती चुनौती
खास बात ये है कि यूपी विधानसभा के इस फैसले को विधानसभा में चुनौती नहीं दी जा सकती है। सजा के आदेश के मुताबिक, दोषी पुलिसकर्मियों को विधानसभा में ही कैदियों के लिए बनी स्पेशल सेल में रखा जाएगा। रात 12 बजे तक दोषी पुलिसकर्मी बंद रहेंगे। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक उदाहरण बनेगा।
ये पुलिसकर्मी पाए गए दोषी
सीओ अब्दुल समद के साथ ही दोषी पाए गए पांच अन्य पुलिसकर्मियों में कानपुर के किदवईनगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, थाना कोतवाली के तत्कालीन उप निरीक्षक त्रिलोकी सिंह, किदवई नगर थाने के तत्कालीन कांस्टेबल छोटे सिंह यादव और काकादेव थाने के तत्कलीन कांस्टेबल विनोद मिश्र व मेहरबान सिंह यादव शामिल हैं। अब्दुल समद बाद में दूसरी सेवा में आकर हाल ही में आइएएस से रिटायर हुए हैं जबकि पांच अन्य पुलिसकर्मी अभी सेवा में हैं।
ये है पूरा मामला
दरअसल, पूरा मामला 15 सितम्बर 2004 का है। कानपुर की जनरलगंज सीट से भाजपा के तत्कालीन विधायक सलिल विश्नोई जो वर्तमान में विधान परिषद सदस्य हैं, उन्होंने 25 अक्टूबर, 2004 को विधान सभा अध्यक्ष से शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि शहर में बिजली कटौती से त्रस्त जनता की परेशानियों से संबंधित ज्ञापन डीएम को देने जा रहे थे।
इसी दौरान सीओ बाबूपुरवा अब्दुल समद और अन्य पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता, गाली-गलौच कर अपमानित करते हुए लाठियों से जमकर पीटा। जब उन्होंने विधायक के रूप में अपना परिचय दिया तो सीओ अब्दुल समद ने कहा कि मैं बताता हूं कि विधायक क्या होता है। पुलिस की पिटाई से विश्नोई के दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया था। इसी मामले में आज पुलिसकर्मियों को विधानसभा में सजा सुनाई गई।
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