फिरोजाबाद स्थित आर्डीनेंस फैक्टरी में कार्यरत चार्जमैन रवीन्द्र कुमार को एक आईएसआई एजेंट नेहा शर्मा के जाल में फंसा हुआ पाया गया। आरोप है कि रवीन्द्र ने नौ महीने तक गोपनीय दस्तावेज़ और सूचनाएं पाकिस्तान भेजीं। इस जासूसी गतिविधि के कारण देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता था। नेहा शर्मा के साथ संबंध बनाने के बाद, रवीन्द्र ने इन दस्तावेजों को व्हाट्सएप के जरिए साझा किया।
एटीएस की कार्रवाई और रवीन्द्र की गिरफ्तारी
एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) ने 13 मार्च को रवीन्द्र कुमार को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान उसने अपनी भूमिका से इनकार किया, लेकिन एटीएस द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों ने उसकी सच्चाई को उजागर कर दिया। उसके मोबाइल में कई संदिग्ध कॉल डिटेल्स और चैट्स पाए गए, जो उसकी संलिप्तता को साबित करते हैं।
रवीन्द्र ने खुद को अफसर बताया
रवीन्द्र कुमार ने खुद को आर्डीनेंस फैक्टरी का अफसर बताकर नेहा शर्मा को अपने जाल में फंसाया था। वह अपनी गोपनीय जानकारी को बेखौफ होकर भेजता रहा, जिसके चलते पाकिस्तान से भी संपर्क किया जाता था।
हनी ट्रैप के शिकार हुए रवीन्द्र कुमार
रवीन्द्र कुमार ने फेसबुक पर नेहा शर्मा से संपर्क किया, जो बाद में आईएसआई की एजेंट निकली। नेहा ने उसे हनी ट्रैप के जरिए फंसा लिया और गोपनीय दस्तावेजों को व्हाट्सएप पर भेजने के लिए उसे मजबूर किया। रवीन्द्र कुमार के मोबाइल की जांच से पता चला कि उसने कई बार नेहा से बातचीत की और उसके द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया।
करीबी कर्मचारी भी हो सकते हैं शामिल
एटीएस ने रवीन्द्र कुमार के मोबाइल से कई ऐसे नंबर बरामद किए हैं, जिनसे संपर्क करने के बाद वह गोपनीय जानकारी साझा करता था। इसमें तीन अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं, जिनसे पूछताछ की जाएगी कि क्या वे भी इसमें रवीन्द्र की मदद कर रहे थे।
जासूसी के मामले में पहले भी हुई है कार्रवाई
आगरा क्षेत्र में पहले भी जासूसी के आरोप में कार्रवाई हो चुकी है। 2004 में पहला आईएसआई एजेंट पकड़ा गया था, और बाद में एक और एजेंट को अछनेरा से गिरफ्तार किया गया था। यह क्षेत्र में पहला मामला नहीं है, जब हनी ट्रैप के जरिए कोई व्यक्ति जासूसी के अपराध में फंसा हो।
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रवीन्द्र कुमार की पत्नी ने आरोपों से किया इंकार
रवीन्द्र कुमार की पत्नी आरती सूरी ने अपने पति के जासूसी के आरोपों को सिरे से नकारा है। उन्होंने कहा कि घर में कभी भी किसी युवती से वीडियो कॉल या देर रात तक व्हाट्सएप चैट करने की घटना नहीं घटी। आरती ने यह भी कहा कि उनके पति को यह अंदाजा नहीं था कि वह जिस युवती से बात कर रहे थे, वह पाकिस्तानी जासूस है। उनका कहना था कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण समय है, और उन्हें इस घटना की कोई उम्मीद नहीं थी।
पैसों के लालच में आरोपी ने लीक की जानकारी
आतंकवाद निरोधक दल (एटीएस) के सामने एक नया मामला सामने आया है, जिसमें आरोपी रविंद्र ने फेसबुक पर दोस्ती के दौरान एक पाकिस्तानी एजेंट के प्रभाव में आकर गोपनीय जानकारी लीक की। आरोपी ने बताया कि उसे पाकिस्तानी एजेंट ने मालामाल होने का लालच दिया, जिसके बाद वह ओईएफ (ऑर्डनेंस फैक्टरी) की गोपनीय जानकारियां लीक करने लगा।
गोपनीय दस्तावेज़ों का खुलासा
रविंद्र से प्राप्त दस्तावेजों में भारतीय रक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। इनमें शामिल हैं:
- 2024 के ऑर्डनेंस फैक्टरी हजरतपुर के दस्तावेज़।
- 2025 की प्रतिदिन प्रोडक्शन रिपोर्ट, जिसमें ड्रोन और गगनयान इसरो परियोजना से संबंधित जानकारी।
- ओवरवेशन स्टोर से संबंधित गोपनीय दस्तावेज।
- प्रोडक्शन स्क्रीनिंग कमेटी का गोपनीय पत्र।
- बेहिसाब स्टॉक के लिए लंबित मांग सूची।
- ड्रोन ट्रायल से संबंधित बातचीत की जानकारी थी।
- अस्वीकृत गोपनीय मीटिंग फाइल, जिसमें 51 गोरखा राइफल और ऑर्डनेंस फैक्टरी के अधिकारियों के साथ लॉजिस्टिक
एटीएस की जांच जारी
एटीएस की जांच अब भी जारी है और रवीन्द्र कुमार के मोबाइल और चैट्स के आधार पर और अधिक जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही, रवीन्द्र के संपर्क में आए अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे जासूसी गतिविधियों में शामिल थे या नहीं।