उत्तर प्रदेश एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) की नोएडा टीम और मेरठ (Meerut) नौचंदी थाना पुलिस के संयुक्त ऑपेरशन में शनिवार को गाजियाबाद के नेकपुर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्य मुफ्ती शहजाद को अरेस्ट किया गया. यह गिरफ्तारी दिसंबर 2019 में मेरठ में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हुई हिंसा के सिलसिले में की गई है. पुलिस का दावा है कि उसने हिंसा से पहले मेरठ में भड़काऊ पर्चे बांटने की बात कुबूली है. फंडिंग को लेकर भी पुलिस जांच कर रही है.
आरोपी शहजाद दिसंबर से ही फरार चल रहा था और पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी. शहजाद मूल रूप से गाजियाबाद के नेकपुर मुरादनगर का रहने वाला है. शुरुआती दिनों में उसने मौलवी के तौर पर काम किया. इसके बाद साल 2019 में उसने मेरठ में पीएफआई का ऑफिस खोला था. मेरठ के अपने इस ऑफिस से शहजाद पीएफआई के लिए भर्ती करता था.
शहजाद के खिलाफ गाजियाबाद के मुरादनगर और मेरठ के नौचंदी पुलिस थाने में मुकदमे दर्ज थे. शहजाद पर सीएए और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ पोस्टर लगाने का आरोप है. मेरठ सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि शहजाद की गिरफ्तारी नेकपुर में उसके घर से हुई. शहजाद के बैंक खाते से लेनदेन की जानकारी जुटाई जा रही है.
बता दें कि मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र में उपद्रवियों ने कोहराम मचा दिया था. जुमे की नमाज के बाद उपद्रवी एकदम से सड़क पर आ गए थे जिसके बाद मेरठ में हिंसा भड़क गई थी. लाखों की सरकारी संपत्ति का नुकसान कर दिया गया था. हिंसा के दौरान दर्जनभर से ज्यादा लोग घायल हुए थे. उपद्रव के दौरान छह लोगों की गोली लगने से मौत भी हो गई थी. बता दें कि मेरठ में हुई इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में अब तक 13 एफआईआर दर्ज हुए हैं जिनमें 117 लोगों को नामजद किया गया था.
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