उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) माफिया और अपराधियों पर नकेल कसने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसकी एक बानगी मंगलवार को बरेली (Bareilly), बांदा (Banda) और प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल (Naini Central Jail) के अधीक्षकों (Jail Superintendent) के निलंबन के रूप में देखने को मिली है।
बरेली जेल अधीक्षक पर अशरफ को वीआईपी सुविधाएं देने का आरोप
बरेली जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने माफिया अतीक अहमद के भाई और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी खालिद अजीम उर्फ अशरफ को जेल में वीआईपी सुविधाएं मुहैया कराई और उसके गुर्गों से गैर कानूनी तरीके से मुलाकात कराई। यही वजह है कि उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।
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वहीं, बांदा और नैनी सेंट्रेल जेल में भी इसी तरह की लापरवाही सामने आई है, जिसके बाद बांदा जेल अधीक्षक अविनाश गौतम और नैनी जेल के अधीक्षक शशिकांत सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है। दरअसल, सीएम योगी ने सोमवार की शाम जेल के महानिदेशक और जेल विभाग के सचिव के साथ बैठक की थी। इस बैठक में सीएम योगी के सामने एक रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें जेल में गड़बड़ी करने और लापरवाही बरतने की बात कही गई थी
बताया जा रहा है कि बिनी पर्ची बनाए ही अशरफ के करीबी उससे मिलने जेल आ जाते थे। इसके अलावा अशरफ को अन्य वीआईपी सुविधाएं दी जा रही थीं। सीएम योगी ने बैठक के दौरान जेल अधीक्षकों को निलंबित करने के निर्देश दिए, जिसके बाद जेल प्रशासन द्वारा इस फैसले को लागू कर दिया गया।