UP BJP New President: यूपी में कमल के नए कप्तान बने पंकज चौधरी

UP BJP New President: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 14 दिसंबर को उत्तर प्रदेश बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान कर दिया गया। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और सात बार के सांसद पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) अब यूपी बीजेपी के नए कप्तान बन गए हैं। खास बात यह रही कि उन्होंने इस पद के लिए निर्विरोध जीत हासिल की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने खुद पंकज चौधरी का नाम प्रस्तावित किया था।

पंकज चौधरी कुर्मी जाति से आते हैं और उत्तर प्रदेश में ओबीसी राजनीति का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भरोसेमंद नेता माना जाता है। वर्तमान में वे केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री हैं और महाराजगंज लोकसभा सीट से 1991 से अब तक सात बार सांसद चुने जा चुके हैं। उनका प्रभाव सिर्फ महाराजगंज तक सीमित नहीं है, बल्कि सिद्धार्थनगर, आसपास के जिलों और नेपाल सीमा तक उनकी राजनीतिक पकड़ मानी जाती है।

उनका राजनीतिक सफर 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद चुनाव से शुरू हुआ था। इसके बाद उन्होंने संगठन और चुनावी राजनीति में कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं। बीजेपी में जब भी किसी बड़े कुर्मी चेहरे की बात होती है, तो पंकज चौधरी का नाम सबसे पहले लिया जाता है। संगठन और शासन दोनों में लंबे अनुभव के चलते उन्हें पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में गिना जाता है।

राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से भी पंकज चौधरी का प्रदेश अध्यक्ष बनना बेहद अहम है। उत्तर प्रदेश में कुर्मी यादवों के बाद दूसरी सबसे बड़ी पिछड़ी जाति हैं और अनुमान के मुताबिक 6 से 10 प्रतिशत तक कुर्मी वोटर हैं, जिनका असर 40 से 50 विधानसभा सीटों पर निर्णायक माना जाता है। 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कुर्मी बहुल सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा था, जबकि सपा ने ओबीसी रणनीति के तहत कुर्मी उम्मीदवारों को ज्यादा टिकट देकर बड़ा फायदा उठाया।

सपा ने अपनी रणनीति के तहत उन सीटों पर कुर्मी उम्मीदवार नहीं उतारे, जहां बीजेपी या अपना दल का प्रत्याशी कुर्मी था और यह दांव सफल रहा। 2024 की जीत के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार अपने पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को मजबूत कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी 2027 विधानसभा चुनाव से पहले पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कुर्मी और गैर-यादव ओबीसी वोट बैंक को फिर से साधने की कोशिश कर रही है।

पंकज चौधरी की छवि एक बेदाग, शालीन और अनुशासित नेता की रही है। वे न तो कभी विवादित बयानबाजी में रहे और न ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में। पार्टी ने उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपी, उसे उन्होंने पूरी निष्ठा से निभाया। यही वजह है कि उन्हें एक कुशल राजनीतिक प्रबंधक और ‘किंग मेकर’ के तौर पर भी देखा जाता है, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में।

उनकी राजनीतिक अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद उनके घर पहुंचे थे, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थीं। इसके अलावा पंकज चौधरी आयुर्वेदिक तेल ‘राहत रूह’ बनाने वाली कंपनी हरबंशराम भगवानदास के मालिक भी हैं, जिससे उनका कारोबारी और सामाजिक प्रभाव भी जुड़ा हुआ है।

पंकज चौधरी का पारिवारिक बैकग्राउंड भी मजबूत रहा है। उनके पिता स्वर्गीय भगवती प्रसाद चौधरी बड़े जमींदार थे, जबकि उनकी मां उज्ज्वला चौधरी महाराजगंज जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं और आज भी उनके विकास कार्यों को याद किया जाता है। उनकी पत्नी भाग्यश्री चौधरी सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं, जबकि उनका एक बेटा और एक बेटी है, जो फिलहाल राजनीति से दूर हैं।

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