उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा के लिए एक बड़े स्टार प्रचारक बनकर उभरे हैं. देश में कहीं भी चुनाव हो सीएम योगी की जबरदस्त डिमांड है. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव प्रचार में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ स्टार प्रचारक हैं और ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं. योगी ने तीन राज्यों में पचास से ज्यादा चुनावी सभाओं को संबोधित किया है. इन स्थानों पर स्थानीय प्रत्याशियों के प्रचार के लिये सीएम योगी की मांग सबसे ज्यादा थी.
हिन्दुत्व का चेहरा बन चुके 46 साल के योगी आदित्यनाथ ने चुनाव वाले तीन राज्यों में 53 जनसभाएं की हैं. इनमें छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा 21 सभाएं शामिल हैं. जबकि, यहां पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने नौ जनसभाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार सभाओं को संबोधित किया है.
सीएम योगी की रैलियों पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निरंतर विकास की ओर अग्रसर है और दूसरे प्रदेशों के लिए विकास की मिसाल बन रहा है. प्रदेश में निवेश हो रहा है, कानून व्यवस्था की स्थिति में पहले की सरकारों की तुलना में तेजी से सुधार हो रहा है.
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने फरवरी महीने में चार लाख करोड़ रूपये के एमओयू (समझौता पत्र) पर हस्ताक्षर किये हैं और जुलाई तक 60 हजार करोड़ रूपये की परियोजनायें धरातल पर उतर आयी हैं. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में हमारे मुख्यमंत्री की मांग यह दर्शाती है कि उनकी स्वीकार्यता उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी बहुत है.
बता दें, योगी दूसरे राज्यों में ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार करते हैं और रात को यूपी आकर सरकार का काम उसी उर्जा और उत्साह के करते हैं. सीएम की इस उर्जा को देखकर इन दिनों हर कोई हैरान है. योगी दूसरे राज्यों में 1 दिन में 4 से लेकर खींचे सभाएं कर रहे हैं और लौटकर देर रात तक फाइलें मीटिंग प्रेजेंटेशन देखकर जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं.
सीएम योगी अपनी कामकाजी छवि को लेकर खासे सतर्क हैं. उन्होंने भरपूर प्रयास किया है कि दूसरे प्रदेशों में चुनाव प्रचार की वजह से राज्य के कामकाज पर कोई फर्क ना पड़े. वह प्रचार के लिए रवाना होने से पहले प्रतिदिन सुबह अपने सचिवालय के वरिष्ठ अफसरों के साथ दिन में होने वाले काम का जो शाम की बैठकों की तैयारी का फीडबैक जरूर लेते हैं. प्रचार के समय में भी वह डे-अफसर के जरिए अपने सचिवालय के वरिष्ठ अफसरों से जुड़े रहते हैं और जरूरी दिशानिर्देश देते रहते हैं. दिन भर के थकान भरे प्रचार अभियान से देर शाम लौटने के बाद उनकी बैठकों का सिलसिला शुरू होता है. वह रोज की तरह फाइलें निपटाते और तय विभागों के साथ बैठकर करते हैं. प्रचार से खाली के दिनों में कई जिलों के भ्रमण पर भी सीएम निकल जाते हैं.
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