राज्यसभा चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ मतदान करना तीन समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) विधायकों को भारी पड़ गया। पार्टी द्वारा 23 जून को निष्कासित किए गए मनोज कुमार पांडेय (Manoj Kumar Pandey) (ऊंचाहार), राकेश प्रताप सिंह (Rakesh Pratap Singh) (गौरीगंज) और अभय सिंह (Abhay Singh) (गोसाईगंज) को अब विधानसभा सचिवालय ने भी असंबद्ध कर दिया है। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे द्वारा 9 जुलाई को जारी पत्र के अनुसार, ये तीनों अब विधायक नहीं रहेंगे।
विधानसभा सचिवालय की मुहर
समाजवादी पार्टी की ओर से की गई कार्रवाई के बाद विधानसभा सचिवालय ने भी औपचारिक रूप से इन विधायकों को असम्बद्ध घोषित किया है। यह निर्णय पार्टी अनुशासन के उल्लंघन और असहमति में की गई वोटिंग के चलते लिया गया, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत गंभीर मानी जाती है।
सपा ने लगाया आरोप
समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की गई पोस्ट में आरोप लगाया कि इन विधायकों ने पार्टी की विचारधारा के विपरीत सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दिया। साथ ही, उन्हें किसान, महिला, युवा और व्यापारी विरोधी नीतियों का समर्थक बताया गया। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें ‘हृदय परिवर्तन’ के लिए समय दिया गया था, परन्तु उनकी निष्क्रियता के चलते उन्हें निष्कासित करना पड़ा।
पार्टी लाइन से हटना पड़ा महंगा
इस पूरी कार्रवाई को समाजवादी पार्टी की अनुशासन की सख्त नीति के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी ने दो टूक कहा कि ‘जन-विरोधी’ गतिविधियों के लिए संगठन में कोई स्थान नहीं है और पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ किसी भी व्यवहार को अक्षम्य माना जाएगा।
राजनीतिक समीकरणों में हलचल संभव
अब इन तीनों सीटों पर संभावित उपचुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि निष्कासित विधायक आगे क्या रुख अपनाते हैं और किस राजनीतिक दिशा में कदम बढ़ाते हैं।


















































