अस्पतालों में भर्ती मरीजों को फोन कर उनका हालचाल लेंगे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, यूपी में पहली बार लागू होगा ऐसा सिस्टम

स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services) की और बेहतरी के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ( Deputy CM Brajesh Pathak) ने अहम कदम उठाया है. अब डिप्टी सीएम मरीजों से खुद मुखातिब होंगे. उनसे फोन (Phone) पर इलाज का फीडबैक (Feedback) लेंगे. शिकायत मिलने पर आवश्यक सुधार भी करेंगे. यूपी (UP) में पहली बार मरीजों से फीड बैक लेने की अनूठी पहल की शुरुआत डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने की है. यह जानकारी बुधवार को डिप्टी सीएम ने पत्रकार वार्ता में दी. डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य आपका संकल्प सरकार का अभियान का शुभारंभ किया.

मरीज को बेहतर  स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना प्राथमिकता
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक हर रोज 10 जिलों के कुछ मरीजों से बात करेंगे. पाठक बुधवार को लोक भवन में मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में आने वाले हर मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है.

बेहतर इलाज के लिए कोई कसर नहीं छोड़ूंगा: पाठक

डिप्टी सीएम ने कहा कि मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. रोज मरीजों से बात करूंगा. इससे कमियों का आसानी से पता लगाया जा सकेगा. शिकायतों को दूर करने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीज परेशान हाल आते हैं. यदि उन्हें अस्पताल में भी सुविधा और राहत नहीं मिली तो सारे प्रयास बेमतलब होंगे. लिहाजा मरीजों का फीड बैक जरूरी है. शिकायत और सुझाव के आधार पर जरूरी सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे. इससे स्वास्थ्य के ढांचे में सुधार होगा.

इन पर होगा फोकस

  • मरीजों की भर्ती, मुफ्त दवा और जांच में कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है.
  • डॉक्टर-कर्मचारियों का मरीज-तीमारदारों के प्रति बरताव कैसा है.
  • साफ-सफाई का क्या हाल है.
  • कूलर, पंखे और एयर कंडीशन की क्या स्थिति है.
  • ओपीडी पंजीकरण.
  • ओपीडी में डॉक्टरों के बैठने का समय.
  • डॉक्टरों के वार्ड में राउंड लेने का समय.

पहली बार हो रही यह व्यवस्था लागू
यूपी में इस तरह की व्यवस्था पहली बार हो रही है कि स्वास्थ्य मंत्री के पास प्रदेश भर के एक-एक मरीज का विवरण होगा. इससे वह कभी भी किसी भी मरीज को सीधे कॉल करके अस्पताल में इलाज और सुविधाओें के बारे में पूछ सकते हैं.

अस्पातल प्रशासन की खुलेगी लापरवाही की पोल
इससे लापरवाही और मनमानी करने वाले अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों और डॉक्टरों के बारे में भी मरीज के जरिए पता लगाया जा सकेगा. अस्पताल में पंजीकरण कराने वाले मरीज, भर्ती होने वाले मरीज, डिस्चार्ज और रेफर किए जाने वाले मरीजों की भी सूची हर रोज देनी होगी. इतना ही नहीं अस्पताल में इलाज के दौरान मरने वाले मरीजों को भी ब्यौरा अस्पताल के अधीक्षक को देना होगा.

इससे स्वास्थ्य मंत्री यह जानने का प्रयास करेंगे कि जिस मरीज की मौत हुई है, क्या उसे सही इलाज मिला या लापरवाही की गई है. बता दें कि इन दिनों स्वास्थ्य मंत्री लगातार सरकारी अस्पतालों का दाैरा कर रहे हैं और हकीकत देख रहे हैं.

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