उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में पांच चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। गुरुवार यानी आज छठवें चरण का मतदान हो रहा है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने बसपा के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संदेश दिया है। मायावती ने ट्वीट के जरिए विरोधियों पर हिंसा, अभद्रता और असभ्य आचरण का आरोप लगाते हुए अपने समर्थकों और जनता से संयम नहीं खोने की अपील की है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि यूपी में अबतक पांच चरण के मतदान में निराशा व हताशा के बाद विरोधी लोग अब हिंसा, अभद्रता व असभ्य आचरण आदि के हथकण्डे पर उतर आए हैं, जिससे लोगों को अपना संयम नहीं खोना है बल्कि ऐसी पार्टियों को वोट की मार के जरिए अपनी मजबूत सरकार बनाने के मिशन में डटे रहना है।
1. यूपी के 10 जिलों की 57 विधानसभा सीटों पर आज की वोटिंग में भी अपने एक-एक वोट के मताधिकार से रोटी-रोजी व रोजगार-युक्त अच्छे दिन के लिए सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की बीएसपी सरकार बनाना सुनिश्चित करें ताकि जातिवादी, संकीर्ण सोच व तानाशाही प्रवृति वाली सरकार से मुक्ति मिल सके।
— Mayawati (@Mayawati) March 3, 2022
एक अन्य ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यूपी के 10 जिलों की 57 विधानसभा सीटों पर आज की वोटिंग में भी अपने एक-एक वोट के मताधिकार से रोटी-रोजी व रोजगार-युक्त अच्छे दिन के लिए सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की बीएसपी सरकार बनाना सुनिश्चित करें ताकि जातिवादी, संकीर्ण सोच व तानाशाही प्रवृति वाली सरकार से मुक्ति मिल सके।
3. महिला सम्मन व लोगों को सुरक्षा एवं आत्म-सम्मान के साथ रोजी-रोजगार की व्यवस्था करना ही अच्छी सरकार की पहचान है, जिस मामले में केवल बीएसपी का रिकार्ड ही बेहतरीन रहा है। यह याद रखने की बात है ताकि आने वाला समय भी, वर्तमान की तरह, संकट व जुमलेबाजी के चक्रव्यू में ही न फंसा रह जाए।
— Mayawati (@Mayawati) March 3, 2022
मायावती ने लोगों से महिला सम्मान और सुरक्षा के मुद्दे को केंद्र में रखकर मतदान करने की अपील की। गुरुवार को मायावती ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। मायावती ने कहा कि महिला सम्मान और लोगों को सुरक्षा एवं आत्म-सम्मान के साथ रोजी-रोजगार की व्यवस्था करना ही अच्छी सरकार की पहचान है, जिस मामले में केवल बीएसपी का रिकार्ड ही बेहतरीन रहा है। यह याद रखने की बात है ताकि आने वाला समय भी, वर्तमान की तरह, संकट व जुमलेबाजी के चक्रव्यूह में ही न फंसा रह जाए।