उत्तर प्रदेश में फिर से पैर जमाने की कोशिशें कर रही कांग्रेस पार्टी (Congress Party) को झटके पर झटके लग रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को जिस नेता को विधानसभा का टिकट दिया, उसने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का दामन थाम लिया। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और पूर्व विधायक यूसुफ अली (Yusuf Ali) ने टिकट मिलने के बावजूद कांग्रेस का हाथ झटक दिया और समाजवादी साइकिल पर सवार हो गए।
कांग्रेस पार्टी ने यूसुफ अली को रामपुर की चमरौआ विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन शुक्रवार की सुबह युसूफ अली ने कांग्रेस को बाय-बाय कहते हुए समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली। उन्होंने राजधानी लखनऊ पहुंचकर अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
यूसुफ अली चमरौआ सीट से 2012 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और विधायक चुने गए थे। परिसीमन के बाद इस सीट पर 2012 में ही पहली बार चुनाव हुआ था। 2017 के चुनाव में भी वह चमरौआ से चुनाव लड़े और कड़ी टक्कर में रहे। बाद में उन्होंने बसपा छोड़कर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी। कांग्रेस ने यूसुफ अली को प्रदेश महासचिव बनाया था।
लखनऊ में सपा चीफ अखिलेस यादव और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में हुए कार्यक्रम के दौरान यूसुफ अली ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली। बता दें कि उनकी पत्नी शाहीन स्वार की ब्लॉक प्रमुख हैं। उनके सपा में शामिल होने से जिले में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।
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