उत्तर प्रदेश की देवरिया सदर विधानसभा सीट (Deoria Sadar Assembly Seat) पर इस बार चारों राजनीतिक दलों ने युवा चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन इस सीट पर भाजपा ने जीत का परचम लहराया है। इस सीट पर 10 साल से बीजेपी का कब्जा है। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के जन्मेजय सिंह लगातार दूसरी बार जीते थे, लेकिन उनके निधन के बाद साल 2022 विधासभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के सूचना सलाहकार रहे शलभ मणि त्रिपाठी (Shalabh Mani Tripathi) को मौका दिया गया है। पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में आए शलभ मणि त्रिपाठी ने देवरिया सदर सीट से जीत का परचम लहराया है।
चुनाव आयोग की तरह से आ रहे ताजा अपडेट में देवरिया विधासभा सीट से भाजपा उम्मीदवार शलभ मणि त्रिपाठी ने बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को 45 हजार वोटों से धूल चटाई है। शलभ मणि त्रिपाठी को एक लाख से ज्यादा वोट मिला जबकि सपा प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह को सिर्फ 62 हजार वोट मिले।
विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद सीएम योगी ने उन्हें देवरिया सदर विधानसभा सीट से बतौर भाजपा प्रत्याशी उतारने का फैसला कर सबको चौंका दिया था। शलभ मणि त्रिपाठी ने भी योगी आदित्यनाथ को निराश नहीं किया और उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह को बड़े अंतर से हरा कर जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद शलभ मणि त्रिपाठी के समर्थकों के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं में भी खुशी की लहर है।
देवरिया विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था। तब यह सीट देवरिया नॉर्थ के रूप में जानी जाती थी। 1967 में इसका नाम बदलकर देवरिया कर दिया गया। भाजपा को पहली बार 1991 में इस सीट पर सफलता मिली थी। इसके बाद 1993 में पार्टी ने दूसरी बार जीत दर्ज की थी। 1996 में जनता दल के सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, 2002 में दिनेश कुशवाहा ने नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी और 2007 का चुनाव सपा के टिकट से जीता था। 2012 में यहां फिर से भाजपा ने वापसी की। इस सीट पर अभी भी बीजेपी का कब्जा है।
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