मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पर बोलते हुए कहा कि ग्लोबल इन्वेटर्स समिट के माध्यम से प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट हर जगह होते थे, मगर यूपी ने इस दिशा में एक बड़ी लकीर खींची है। आज देश दुनिया के निवेशक यूपी में आना चाहते हैं। इन्वेस्टर्स समिट से मिले निवेश से 1 करोड़ 10 लाख नौजवानों को सीधे सीधे यूपी में नौकरी मिलेगी। यूपी के नौजवानों को नौकरी ढूंढने के लिए कहीं जाना नहीं होगा, बल्कि दुनिया यूपी नौकरी ढूंढने आएगी।
सीएम योगी ने कहा कि यूपी की 25 करोड़ की जनता की आकांक्षा के अनुरूप ईज ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्राप्त करना है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रदेश के हर नौजवान को कार्य, हर किसान के खेत में पानी, उसकी फसल का अच्छा दाम मिले। किसान केवल उत्पादन तक ही सीमित ना रहे बल्कि उसे मार्केट लिंक भी मिले। इसके लिए हमें इंडस्ट्री 4.0 की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि यूपी की पहचान एक्सप्रेस वे प्रदेश के रूप में बन चुकी है। पूर्वांचल, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और पश्चिम को पूरब से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस वे प्रयागराज कुंभ से पहले हम तैयार करने में जुटे हैं।
सीएम ने कहा कि बलिया लिंक, चित्रकूट लिंक, लखनऊ कानपुर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे, वाराणसी में 100 एकड़ में देश का पहला फ्रेट विलेज, प्रदेश में आज यमुना एक्सप्रेस वे में फिल्म सिटी, ट्वाय सिटी, हैंडीक्राफ्ट पार्क, अपैरल पार्क, लॉजिस्टिक हब विकसित हो रहे हैं। लखनऊ और हरदोई के बीच 1000 एकड़ क्षेत्र में पीएम मित्र टेक्स्टाइल पार्क टेक्सटाइल का हब बनेगा। ये यूपी के युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर के द्वार खोलेगा। इसके साथ ही सरकार ने मूल बजट में मध्यांचल और बुंदेलखंड में डेवलपमेंट का बहुत बड़ा क्षेत्र स्थापित करने का प्रावधान किया था, जिस पर कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा 46 साल में 33 हजार लैंड में स्थापित हो पाया, मगर बीडा झांसी बुंदेलखंड औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण की कार्यवाही को सरकार ने आगे बढ़ाया है। ये पहले ही चरण में 35 हजार एकड़ में बसने जा रहा है। यहां हम एयरपोर्ट भी देने जा रहा है। ये यूपी के औद्योगिकीकरण की नई पहचान बनने जा रहा है। अभी ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन हुआ। प्रदेश में एमएसएमई पॉलिसी आ चुकी है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल रहा है। यूपी पहला राज्य है जिसने अपने 96 लाख एमएसएमई यूनिट से जुड़े लोगों को दुर्घटना बीमा उपलब्ध कराया है।
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