सोशल मीडिया के इस दौरान में अफवाहों का सिलसिला भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसी के अंतर्गत यूपी सरकार के एक फैसले को गलत तरीके से पेश करके गलत खबर फैलाई जा रही है. जिसका खंडन खुद यूपी सरकार फैक्ट चेक ने किया है. फैक्ट चेक की टीम ने ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी है कि यूपी सरकार द्वारा 50 की उम्र में रिटायर करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है. इसके साथ ही ट्वीट में ये भी कहा गया है कि ऐसी अफवाह प्रसारित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस विभाग के आदेश को दिया जा रहा गलत मोड़
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में उत्तर प्रदेश के एडीजी संजय सिंघल ने सभी पुलिस महानिदेशकों और पुलिस आयुक्तों को 50 साल या उससे अधिक की उम्र के भ्रष्ट, दागी या अनुशासनहीन पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू किए जाने के लिए कहा गया है. उन्हें इस प्रक्रिया का ब्योरा 30 नवंबर तक डीजीपी मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया गया है. ऐसी स्क्रीनिंग हर साल की जाती है और इसके तहत अब तक भ्रष्टाचार में लिप्त या काम में अक्षम पाए जाने वाले सैंकड़ों पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है.
इसी आदेश को गलत तरीके से पेश करते हुए कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 50 साल से अधिक की उम्र के सभी कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी. यह खबर avadhbhumi.com की वेबसाइट पर ’50 साल की उम्र पार कर चुके कर्मचारियों को रिटायर करेगी यूपी सरकार, सभी विभागों को दिया गया निर्देश’ हेडलाइन से लगी मिली, जिसे आठ अगस्त को प्रकाशित किया गया है. इसी हेडलाइन को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.

अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई
खबर का खंडन करते हुए यूपी सरकार के फैक्ट चेकर ने ट्वीट किया कि, #FactCheck: @UPGovt द्वारा 50 की उम्र में रिटायर करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है. कर्मचारी नियमानुसार सेवा पूर्ण होने पर ही रिटायर होंगे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अवधभूमि न्यूज अकाउंट द्वारा चलाई जा रही खबर फेक है. ऐसी खबरों का प्रसार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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