मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव (Milkipur By Election) का मार्ग प्रशस्त हो गया है। भाजपा नेता और पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा द्वारा दाखिल याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस याचिका के लंबित होने के कारण निर्वाचन आयोग ने नौ सीटों के साथ मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया था।
जिला प्रशासन ने पूरी कर ली उपचुनाव की तैयारी
हाई कोर्ट ने पूर्व विधायक के प्रार्थनापत्र को स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट के आदेश के अपलोड होने में अभी कुछ समय लगेगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अब निर्वाचन आयोग को इस संबंध में जानकारी देंगे, जिसके बाद उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। जिला प्रशासन ने उपचुनाव के लिए पहले ही तैयारियां पूरी कर ली हैं।
मिल्कीपुर उपचुनाव की पृष्ठभूमि
मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के कारण हो रहा है। उन्होंने 13 जून को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था, जिसकी छह महीने की अवधि 12 दिसंबर को पूरी हो जाएगी। प्रदेश में अन्य नौ सीटों पर उपचुनाव पहले ही 20 नवंबर को संपन्न हो चुके हैं, लेकिन मिल्कीपुर सीट का कार्यक्रम याचिका लंबित होने के कारण रुका हुआ था।
बसपा ने किया उपचुनाव से किनारा
बसपा सुप्रीमो मायावती ने उपचुनावों में पार्टी के उम्मीदवार न उतारने का निर्णय लिया है। उन्होंने हाल ही में हुए उपचुनावों के परिणामों के बाद यह घोषणा की। बसपा के संभावित उम्मीदवार रामगोपाल कोरी की दावेदारी भी अब खत्म मानी जा रही है।
भाजपा में प्रत्याशियों की लंबी कतार
भाजपा ने अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। हालांकि, कटेहरी विधानसभा उपचुनाव में शानदार जीत से उत्साहित पार्टी के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बन चुकी है। भाजपा के टिकट के दावेदारों की सूची लंबी है, और पार्टी इसे जीतने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाने की तैयारी में है।
सपा ने अवधेश प्रसाद के पुत्र को बनाया प्रत्याशी
समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर उपचुनाव में पूर्व विधायक अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा के लिए प्रतिष्ठा दांव पर
मिल्कीपुर सीट सपा के महासचिव अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी। भाजपा के लिए यह चुनाव कटेहरी उपचुनाव की जीत की लय को बरकरार रखने का मौका है। पार्टी इसे प्रतिष्ठा का सवाल मानते हुए पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रही है। चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद राजनीतिक गतिविधियां और तेज होने की उम्मीद है।
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