योगी सरकार में मंत्रियों के निजी सचिवों द्वारा भ्रष्टाचार का स्टिंग आने से हडकंप मच गया है. टीवी चैनलों ने मंत्रियों के विधानभवन स्थित कार्यालय कक्ष में उनके निजी सचिवों की तबादले, पट्टा और ठेका दिलाने के लिए डीलिंग का स्टिंग किया है. इनमें मंत्री ओम प्रकाश राजभर, अर्चना पांडेय और संदीप सिंह के निजी सचिव शामिल हैं. अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश चंद गुप्ता ने तीनों निजी सचिवों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. आज यानि कि गुरुवार को इन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.
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स्टिंग ऑपरेशन में पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप कई विभागों के लिए घूस मांगते नजर आए. इसी तरह से खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी भी डीएस से परमीशन से लेकर आबकारी के एक काम के लिए डील करते दिखाई दिए. वहीं बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी किताबों के ठेके का सौदा करते दिखे. मामला उजार होने के बाद हड़कंप मच गया.
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इसी तरह से खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी भी डीएस से परमीशन से लेकर आबकारी के एक काम के लिए डील करते दिखाई दिए. वहीं बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी किताबों के ठेके का सौदा करते दिखे. मामला उजार होने के बाद हड़कंप मच गया.
इस संबंध में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि निजी सचिव के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन को कहा गया है. सचिवालय में कुछ लोग ठेके पट्टे के काम में लगे हुए हैं. वहीं खनन राज्य मंत्री अर्चन पांडेय ने कहा कि हर दोषी को सजा दी जाएगी. हम एसआइटी जांच करायेंगे. निजी सचिव से जुड़े अन्य लोगों के विरुद्ध सख्त कार्यवाई की जायेगी.
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