दिल्ली में नए संसद भवन की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी नए विधानभवन (UP New Vidhansabha) का निर्माण कराने का फैसला किया गया है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर नए विधानभवन की आधारशिला रखी जा सकती है. भविष्य में होने वाले परिसीमन को देखते हुए वर्तमान में यूपी विधानभवन काफी छोटा साबित हो सकता है ऐसे में यूपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार अब दिल्ली की तरह यूपी में भी नए विधानभवन को बनाने की तैयारी कर रही है.
गौरतलब है कि नए विधानसभा भवन का प्रस्ताव पहले ही पास हो चुका है. बताया जा रहा है कि मौजूदा विधानसभा भवन 100 साल से अधिक पुराना है और लखनऊ के हजरतगंज में स्थित है. हजरतगंज राजधानी का प्रमुख क्षेत्र है. ऐसे में जब विधानसभा की कार्रवाई चलती है तो ऐसे में आम जनमानस को ट्रैफिक की समस्याओं से भी जूझना पड़ता है. इसके अलावा मौजूदा विधानसभा में जगह की कमी भी महसूस हो रही है.
यूपी में नए विधानभवन को बनाने में करीब तीन हजार करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है. स्वर्गीय अटल जी जयंती पर इस नए विधानभवन की आधारशिला रखी जाएगी. नए विधानभवन का निर्माण दारुलशफा और आसपास के क्षेत्र को मिलाकर होगा. माना जा रहा है कि नए विधानभवन का निर्माण कार्य साल 2027 तक कराए जाने की कोशिश की जाएगी. योगी सरकार का लक्ष्य है कि 18वीं विधानसभा के कम से कम एक सत्र का आयोजन नए भवन में हो.
यूपी में वर्तमान विधानभवन भविष्य में होने वाले परिसीमन को देखते हुए छोटा हो सकता है, विधानभवन में सदस्यों को बैठने के लिए पहले से ही कम जगह है, मौजूदा भवन का उद्घाटन 1928 में हुआ था, लेकिन अब जनसंख्या के हिसाब से हालात काफी बदल गए हैं. सेंट्रल विस्टा की तरह नया विधानभवन भी आधुनिक सुविधाओं और लेटेस्ट तकनीक से लेस होगा. इस भवन का निर्माण भी इस आधार पर होगा कि इसमें यूपी की संस्कृति की झलक मिले और पूरे देश में मिसाल बन सके. यूपी के नए विधानसभा भवन को पूरी तरह भूकंप रोधी और इको फ्रेंडली तरीके से बनाया जाएगा. तय लक्ष्य के मुताबिक 2027 में जब नए विधानभवन का निर्माण पूरा होगा तो तब पुरानी विधानसभा को बने हुए सौ साल पूरे होने को होंगे.
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