उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh) के नूरपुर (Noorpur) में दलित समुदाय के लोग पलायन को मजबूर हैं. बताया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोग उन्हें प्रताड़ित करते हैं जिसके चलते वे अपना घर छोड़ने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि मुसलमानों द्वारा उनकी बारातें नहीं चढ़ने दी जाती है जिसके चलते करीब 100 परिवार अपना घर छाेड़कर कहीं और बसने जा रहे हैं. अब इस मामले में बेहद हैरान कर देने वाली बातें सामने आ रहीं हैं. ग्रामीणों के मुताबिक मुस्लिम समुदाय के लोग गांव में धर्मांतरण के लिए दबाव बनाते हैं और साथ ही प्रलोभन भी देते. जिसके चलते आज उनकी जनसंख्या हिंदुओं से 8 गुनी हो गई है. छोटे से गांव में तीन मस्जिदें और एक बड़ा मदरसा है जो कि हाल ही में बना है.
पीड़ितों के मुताबिक आज की तारीख में गांव में 800 से अधिक मुस्लिम परिवार हैं तो वहीं हिंदू परिवारों की संख्या करीब 100 बताई जा रही है. वहीं आबादी अधिक होने की वजह से ये लोग इलाके में अपनी मनमानी करने लग गए हैं. उनका कहना है कि मुसलमानों के अत्याचारों से परेशान होकर अपने घरो के दरवाजों पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिख रखा है, ताकि हमे खरीददार मिल जाएं और हम किसी सुरक्षित जगह पर घर बसा सकें.
यह मामला तब उठा जब बीती 26 मई को गांव के निवासी अनुसूचित जाति के ओमप्रकाश की दो बेटियों की बरात को चढ़ने से रोका गया. ओमप्रकाश के अनुसार बरात चढ़ने के साथ उनके दरवाजे पर आ रही थी. मुख्य मार्ग पर मस्जिद के पास मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग एकत्र होकर बरात चढ़ने का विरोध करने लगे. इस भीड़ ने बरातियों और गांव के हिंदुओं पर लाठी, डंडे व राड से हमला कर दिया. इसमें डीजे वाली गाड़ी के शीशे टूट गए. गाड़ी के चालक समेत दो लोग घायल हो गए. उन्होंने थाने में जानकारी देने के साथ ही अगली सुबह आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी, लेकिन थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
गांव वालों ने आरोप लगाया कि समुदाय विशेष की भीड़ ने सुनियोजित तरीके से बरात पर हमला किया था. पुलिस की कार्रवाई न होने से नाराज पीड़ित परिवार और उनके समर्थन में लोगों ने अपने दरवाजों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ लिखने के साथ ही रविवार की सुबह पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. मामला बढ़ता देख रविवार की शाम को टप्पल पुलिस ने ओमप्रकाश पुत्र तेजपाल की तहरीर पर गांव के वकील, कलुआ, मुस्तकीम, सरफू, अंसार, सोहिल, फारुख, अमजद, तौफीक, सहजोर और लहरू के नाम रिपोर्ट दर्ज कर ली है.
चंद समय में बढ़ी आबादी, अब 80 फीसदी हुए मुसलमान
गांव के राजवीर पुत्र मिहीलाल के अनुसार नूरपुर गांव की आबादी करीब 3500 है. इसमें 80 प्रतिशत मुस्लिम व 20 प्रतिशत हिंदू समाज के लोग रहते हैं. तीन मस्जिदें और एक बड़ा मदरसा संचालित है. उन्होंने बताया कि चंद समय में गांव में मुसलमानों की आबादी बढ़ी है.
धर्मांतरण का दबाव बनाते मुसलमान
राजवीर ने बताया कि समय-समय पर विशेष समुदाय के लोग हमारे ऊपर धर्मांतरण का दबाव बनाते हैं और प्रलोभन भी देते हैं. राजवीर का कहना है कि हिंदुओं की लड़कियों की बरात चढ़त की विरोध का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले तीन घटनाएं इस प्रकार की घटित हो चुकी है. ओमप्रकाश के अनुसार पहले भी 25 अप्रैल व 9 मई को इसी तरह बरात चढ़ने का विरोध किया गया था.
पुलिस बोली- करेंगे सख्त कार्रवाई
इस पूरे मामले पर क्षेत्राधिकारी शिव प्रताप सिंह का कहना है कि नूरपुर की घटना के संबंध में मैंने और एसडीएम ने गांव का भ्रमण किया है. इस तरह की कोई बात नहीं है. 26 तारीख की घटना के संबंध में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है और वैधानिक कार्यवाई की जा रही है. दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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