एक तरफ मां-बेटे संग लड़ रहे थे जिंदगी की जंग, दूसरी तरफ विपक्ष फैला रहा था घिनौना झूठ, FIR के बाद बीजेपी सांसद से मांग रहे माफी

सियासी नफा-नुकसान के लिए सियासतदां कभी-कभी इतना गिर जाते कि किसी की निजी जिंदगी से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते. राजनीतिक षड्यंत्र के ताजा शिकार हुए हैं यूपी के मशहूर कारोबारी और बीजेपी से राज्यसभा सांसद संजय सेठ (Sanjay Seth). दरअसल, थाईलैंड की रहने वाली महिला की लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बीती 3 मई को कोरोना से मौत हो गई. पपुलिस ने हालांकि इस पूरी घटना के पीछे कोई आपराधिक कृत्य नहीं पाया लेकिन इस बीच सक्रिय हुए कुछ लोगों ने इस पूरी घटना को बेहद आपत्तिजनक ढंग से न सिर्फ़ प्रस्तुत किया बल्कि बिना कोई प्रमाण दिए इसके पीछे संजय सेठ का नाम ज़ोड़ दिया. इतना ही एक फिजियो थेरेपिस्ट लड़की को कॉलगर्ल बताकर अपराध का काम किया.


जब विपक्षी पार्टियों के लोग एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में बीजेपी सांसद संजय सेठ के बेटे का नाम घसीट रहे थे, उसी दौरान उनकी मां और बेटे कोरोना से लड़ रहे थे. एक संकट की परिस्थिति में कुछ नेताओं ने असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए घिनौने झूठ फैलाकर उनके परिवार पर निजी हमले किए. आरोप लगाने वालों ने इस बात की भी परवाह नहीं की कि वह जो गंभीर आरोप लगा रहे हैं उसका फ़िलहाल उनके पास ना तो कोई प्रमाण है, और ना ही कोई सबूत है. वहीं हद तो तब हो गई जब कुछ ज़िम्मेदार लोगों द्वारा ट्विटर अकाउंट से उस लड़की को कॉलगर्ल तब बता दिया गया जिसकी कुछ ही घंटों पहले दुखद मृत्यु हुई थी.


दूसरी तरफ आरोपों से अंजान कोरोना संकट से लड़ रहे संजय सेठ को जब इस मामले की जानकारी हुई तब उन्होंने बिना कोई देरी किए पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर मामले की गहनता से जांच करने और इस षड्यंत्र के गुनाहगारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर दी. संजय सेठ की तरफ से सपा प्रवक्ता आईपी सिंह, महेंद्र कुरिया तथा रामदत्त तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. मुकदमा दर्ज कर जब मामले की गहराई से जांच की गई तो थाई गर्ल को लेकर कई नए तथ्य उजागर हुए लेकिन इस पूरे केस में संजय सेठ से जुड़ा कोई कनेक्शन पुलिस को नहीं मिला.


पुलिस की जांच में संजय सेठ का बेकसूर निकलना और दर्ज मुकदमे के डर से आरोप लगाने वालों के सुर एकदम बदल गए, और माफी मांगने लगे. जिस शख्स महेंद्र कुरिया ने इस मामले में सबसे पहले संजय सेठ का नाम जोड़कर ट्वीट किया था, उसने अपनी गलती मानते हुए संजय सेठ से मांफी मांगने लगा. इसके अलावा आईपी सिंह के भी सुर बदल गए, कल तक युवती को कॉलगर्ल बताकर संजय सेठ के बेटे से जोड़ने वाले सपा नेता अब केवल थाई युवती की इलाज के अभाव में मौत बताकर जांच की मांग करने लगे.


आज संजय सेठ पर घिनौना इल्जाम लगाने वाले लोग माफी मांग रहे और अपना बयान वापस ले रहे हैं, लेकिन कुछ सवाल हैं जो आज जरूर पूछे जाने चाहिए.


  • बिना किसी सुबूत के आप किसी इज्जतदार शख्श पर इतने संगीन इल्जाम कैसे लगा सकते हैं ?
  • वो शख्स जिसपर सार्वजानिक जीवन में कोई दाग न लगा हो उसपे कीचड़ उछालकर आप खुद को एक जिम्मेदार नेता या नागरिक कह पाएंगे ?.
  • एक पेशेवर लड़की जो बतौर फीजियो थेरेपिस्ट अपनी जीविका चलाती है, उसे कॉलगर्ल, वैश्या बता देना सिर्फ अपने सियासी फायदे के लिए ये कहां तक जायज है ?
  • क्या किसी स्त्री की गरिमा को ठेस पहुंचाना अपराध नहीं है ?

ऐसे सवाल कई हैं फिलहाल गेंद लखनऊ पुलिस के पाले में हैं, किसे क्या सजा मिलेंगी ये अंतिम जांच के बाद ही पता चल पाएगा. फिलहाल पुलिस की तफ्तीश जारी है.


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