मुलायम सिंह यादव ने नहीं दी कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि, बीजेपी बोली- इसे ही कहते तुष्टीकरण

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh) सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. नरौरा के गंगा घाट पर बेटे राजवीर ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. इस दौरान तमाम केंद्रीय मंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री और अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे. विपक्षी दलों के भी कई नेताओं ने कल्याण सिंह के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी ट्वीट के जरिए उनके निधन पर शोक व्यक्त किया, लेकिन मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की ओर से बाबूजी के लिए श्रद्धांजलि के दो शब्द नहीं आए.


यही है सपा की तालिबानी सोच: सुब्रत पाठक

कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक (Subrat Pathak) ने कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि न देने के लिए मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, दोनों को आड़े हाथों लिया. सुब्रत पाठक ने ट्वीट कर कहा कि हिंदू हृदय सम्राट कल्याण सिंह जैसे जनप्रिय नेता को अगर मुलायम सिंह और अखिलेश यादव श्रद्धांजलि और सम्मान नहीं देंगे तो इससे उनके (कल्याण सिंह) कद पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने आगे ये भी कहा कि अगर लखनऊ में ये दोनों कल्याण सिंह के आखिरी दर्शन कर लेते तो इससे कार सेवकों पर गोली चलवाने वाली समाजवादी पार्टी को अपने पाप धोने का आखिरी मौका जरूर मिल जाता लेकिन विनाशकाले विपरीत बुद्धि. और यही इनकी तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है.


इसे ही कहते हैं तुष्टीकरण: डिप्टी सीएम

इसे लेकर जब पत्रकारों ने भाजपा नेता और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह किसी की श्रद्धांजलि के मोहताज नहीं हैं. लेकिन भगवान राम उन्हें सद्बुद्धि दें जो दिवंगत आत्माओं में भी तुष्टिकरण देखते हैं. कन्नौज के भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि न देने के लिए मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव दोनों को आड़े हाथों लिया.


कल्याण को पुष्पांजलि अर्पित करने नहीं गए अखिलेश 

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर शोक जरूर व्यक्त किया था, लेकिन वह लखनऊ में कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने नहीं गए. उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने तो श्रद्धांजलि के दो शब्द कहने या लिखने तक की जहमत नहीं उठाई. कल्याण सिंह, मुलायम सिंह यादव के साथ 1977 में जनता पार्टी की सरकार में मंत्रिमंडल में रहे थे. कल्याण सिंह जब बीजेपी से नाराज हुए तो मुलायम सिंह के करीब गए. 


मायावती ने घर पहुंचकर दी कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि

कल्याण सिंह ने अपनी जनक्रांति पार्टी बनाई और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव भी लड़ा. दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती के कल्याण सिंह के साथ रिश्ते कभी मधुर नहीं रहे. इसके बावजूद मायावती कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित उनके घर पहुंची थीं. उन्होंने बाबूजी को न सिर्फ श्रद्धा सुमन अर्पित किए बल्कि उनके परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढ़स भी बंधाया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कल्याण सिंह यूपी में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री भी थे.


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