हाथरस केस: ‘नकली भाभी’ का असली चेहरा उजागर, पकड़ा गया झूठ

हाथरस मामले (Hathras Case) में ‘नकली भाभी’ (Fake Bhabhi) बनकर मीडिया में बयान देने वाली महिला का असली चेहरा उजागर हुआ है. नक्सल लिंक और परिजनों को भड़काने के आरोपों पर शनिवार को महिला ने सामने आकर मीडिया में सफाई दी. महिला ने कहा कि उसका पीड़ित परिवार से कोई संबंध नहीं है. वहीं अब महिला का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो खुद को पीड़िता की बहन बता रही है. बता दें कि महिला पर आरोप है कि उसने पीड़ित परिवार के घर में रूककर उन्हें सरकार के विरोध में भड़कया तथा पीड़िता की भाभी बनकर मीडिया मे सरकार के विरोध में बढ़-चढ़कर बयान भी दिए. 



कभी फर्राटेदार अग्रेंजी में बातें करती थी, तो कभी खुद को फॉरेंसिक एक्सपर्ट बताती थी. कभी कहती थी कि वह बंदूक उठा लेगी और सबसे बदला लेगी. टीवी चैनलों को बाइट देते समय खुद को पीड़िता का रिश्तेदार बताकर जहर उगलती थी, अब जबलपुर की रहने वाली बताकर कहती है कि वह परिवार के हालात को देखते हुए यहां रहने आई है, नकली भाभी के झूठ का पर्दाफाश हुआ है. महिला का नाम डॉक्टर राजकुमारी बंसल है, वह जबलपुर मेडिकल कॉलेज में बतौर सहायक प्रोफेसर काम करती है.


कोई भी राजनीतिक या सामाजिक डेलिगेशन आए, डॉक्टर राजकुमारी बंसल (Dr Rajkumari Bansal) परिवार के साथ मौजूद रहती थीं और डेलिगेशन में शामिल लोगों से बात करती. लेकिन जैसे ही प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरे लगवाए और पीड़िता के घर में रह रहे लोगों से परिवार के रिश्तों को लिस्ट में दर्ज किया, वैसे ही ये नकली भाभी वहां से गायब हो गईं. अब एसआईटी इनकी तलाश में है.


आरोपों पर डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने शनिवार को मीडिया से कहा कि मेरा पीड़ित परिवार से कोई रिश्ता नहीं है, मैं केवल आत्मीयता के तौर पर हाथरस गैंगरेप पीड़िता के घर गई थी. उन्होंने कहा कि मैं पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करना चाहती थी. सिर्फ पति को बताकर गई थी. डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने कहा कि मैं फॉरेंसिक रिपोर्ट देखने गई थी, क्योंकि मैं एक्सपर्ट हूं उस विषय की.


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