उत्तर प्रदेश के नोएडा (Noida) जनपद में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। सोमवार को लखनऊ से गिरफ्तार 2 मौलानाओं उमर गौतम (Maulana Umar Guatam) और मुफ्ती जहांगीर कासमी पर नोएडा डेफ सोसायटी के स्टूडेंट मन्नू यादव को जबरन मुसलमान बनाने का आरोप लगा है। यह आरोप मन्नू यादव के भाई अंकित यादव ने लगाया है। अंकित यादव का कहना है कि इन्हीं मौलानाओं के गिरोह ने मेरे भाई का जबरन धर्म परिवर्तन कराया है।
जानकारी के अनुसार, मन्नू यादव के भाई अंकित यादव ने बताया कि सेक्टर-14 के डंब एंड डेफ सोसायटी में उसका भाई पढ़ता था, जिसका फरीदाबाद के शकील खान और नूह के वसीम ने धर्म परिवर्तन कराकर मुसलमान बना दिया। अंकित ने बताया कि हमने नोएडा पुलिस कमिश्नर से मामले की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अंकित का आरोप है कि इस गिरोह में स्कूल भी शामिल है। ये लोग डंब एंड डेफ सोसायटी में पढ़ने वाले कई हिंदू स्टूडेंट्स को मुसलमान बनाया है। एडीजी कानून-व्यवस्था के मुताबिक, मूक-बिधर बच्चों और महिलाओं का बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन कराया गया है। महिलाओं का धर्मांतरण कराकर उनकी शादी भी कराई गई है। नोएडा, कानपुर, मथुरा और देश के अन्य प्रदेशों में ये गिरोह काम कर रहा है।
एडीजी के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी उमर गौतम भी हिंदू से मुसलमान बना है। उमर गौतम नई दिल्ली में इस्लामिक दावाह सेंटर के नाम से एक संस्था चलाता है, जिसके जरिए धर्मांतरण कराया गया। इस काम के लिए संस्था के बैंक खाते में और अन्य माध्यमों से भारी मात्रा में पैसे उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके लिए विदेशों से फंडिंग भी की जा जाती है, जिसका इस्तेमाल धर्म परिवर्तन में किया जाता है। एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि आरोपियों ने नोएडा डेफ सोसायटी के 117 के बच्चों का धर्मांतरण करा चुके हैं।
गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद उमर गौतम के बहुत से सहयोगी हैं, जिनमें से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर धर्मांतरण के इस आपराधिक षडयंत्र में सहयोगी है। इसके द्वारा धर्मांतरण प्रमाण पत्र और विवाह प्रमाण पत्र गैर कानूनी ढंग से तैयार किया जाता था। मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि धर्म परिवर्तन किए गए लोगों को उनके मूल धर्म के प्रति विद्वेश एवं नफरत भाव पैदा कर उन्हें रेडिक्लाइज करके देश के विभिन्न धार्मिक वर्गों में आपसी वैमनस्य फैलाकर देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा था।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी करीब 2 साल से इस काम का अंजाम दे रहे थे। नियम विरूद्ध धर्म परिवर्तन के इस कार्य में सीधे-साधे कमजोर वर्ग के नागरिकों, बच्चों, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जन जाति तथा मूक बधिर लोगों को विशेष रूप टारगेट किया जा रहा है।
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