इजरायल के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए कथित जासूसी करने के मामले में केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार को कहा कि फोन टैप कराकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना निजता के अधिकार का घोर उल्लघंन है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि फोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना निजता के अधिकार का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम भाजपा करवा रही है तो यह दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार यह कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उसकी नाकामी है। फोन-जासूस लोकतंत्र में एक अपराध है।
वहीं, बसपा चीफ मायावती ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि जासूसी का गंदा खेल व ब्लैकमेल आदि कोई नई बात नहीं किन्तु काफी महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों व पत्रकारों आदि की सुक्षम जासूसी करना अति-गंभीर व खतरनाक मामला जिसका भण्डाफोड़ हो जाने से यहाँ देश में भी खलबली व सनसनी फैली हुई है।
मायावती ने कहा कि इसके सम्बंध में केन्द्र की बार-बार अनेकों प्रकार की सफाई, खण्डन व तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर पा रहे हैं। सरकार व देश की भी भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर इसकी पूरी स्वतंत्र व निापक्ष जाँच यथाशीघ्र कराई जाए ताकि आगे जिम्मेदारी तय की जा सके।
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर संभवत: हैक किए गए हैं।
वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।
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