प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने रविवार को एक बयान जारी कर योगी सरकार (Yogi Government) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कोविड आपदा को ध्यान में रखकर रेहड़ी-पटरी, खोखा-खोमचा लगाने वाले और दिहाड़ी मजदूरों के लिए घोषित एक महीने के लिए 1000 रुपए का भत्ता नाकाफी है। शिवपाल ने योगी सरकार से इसे बढ़ाकर प्रतिमाह 3000 रुपए किये जाने की मांग की है।
प्रसपा अध्यक्ष ने इस वैश्विक आपदा से प्रभावित लोगों के लिए एक समावेशी और लोककल्याणकारी आर्थिक पैकेज की भी मांग की है। शिवपाल यादव ने कहा कि लॉकडाउन से उपजी विपरीत परिस्थितियों में रोजाना कमाई कर परिवार का भरण पोषण करने वाले रेहड़ी-पटरी, ठेला, खोमचा, खोखा लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार सहित नाविकों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि जैसे परम्परागत कामगारों के सामने भी रोजी-रोटी का भयानक संकट आ खड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक माह के लिए प्रदान किया जाने वाला 1,000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता अत्याधिक कम है। शिवपाल ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि इसे न्यूनतम तीन माह के लिए प्रति माह 3,000 किया जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि निर्मम कोरोना काल में घर वापस लौटने वाले लाखों प्रवासी मजदूर, सब्जी, फल व दुग्ध उत्पादक, मुर्गीपालक, मत्स्य पालक व लघु पशुपालक और अन्नदाता भी भयानक आर्थिक चुनौतियों से लड़ रहे हैं।
शिवपाल ने कहा कि आपदा से छोटे और मध्यम व्यवसायी बुरी तरह से प्रभावित हैं। मेरा यह भी आग्रह है कि राज्य व केंद्र सरकार इनकी परेशानियों को ध्यान में रखकर एक समावेशी और लोककल्याणकारी आर्थिक पैकेज की भी घोषणा करे। दरअसल, यूपी सरकार ने शनिवार को कैबिनेट बैठक के दौरान एक बड़ा फैसला लेते हुए फुटकर दुकानदार, रेहड़ी- पटरी वालों को एक हजार रुपये महीना भत्ता और 3 महीने का राशन देने का फैसला लिया था।
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