यूपी में आतंकी साजिश की फिराक में लखनऊ (Lucknow) से पकड़े गए अल कायदा के आतंकियों (Al Qaeda Terrorist) को लेकर जांच जारी है. मामले में अब यूपी एटीएस (UP ATS) को आतंकी मिनाहज के पास से मिली काली डायरी (Diary) में कई सीक्रेट कोड (Secret Code) और जानकारियां मिली हैं. जिसमें बकरीद के पहले तौहीद और मूसा के लखनऊ आने का जिक्र भी किया गया है. हमले में इस्तेमाल की जाने वाली चीजों जैसे प्रेशर कुकर बम, ई रिक्शा, पिस्टल और प्लानिंग के कई शब्दों को सीक्रेट कोड दिया गया था.
जांच एजेंसियों को डायरी से मिली जानकारी में पता चला है कि अलग-अलग चीजों के अलग-अलग कोड वर्ड रखे थे. जैसे मिनाहज के घर से बरामद हुई पिस्टल का कोड था ‘3 नंबर की किताब’. इसके साथ ही प्रेशर कुकर बम का कोड वर्ड था ‘9नंबर की किताब’.काली डायरी में टाइम बम को पटाखा, सुतली से बनाए जाने वाले देसी बम को रस्सी कोड वर्ड में लिखा हुआ है. इसी तरह ई रिक्शा को कोड वर्ड में उड़न तश्तरी लिखा गया है.
खटमलों को शीरमाल और कबाब खिलाने का मतलब बड़ा हमला
खटमलों को शीरमाल और कबाब खिलाने हैं जिसका मतलब विस्फोट के रूप में कोई बड़ा हमला करना है. डायरी में ये संदेश दो बार लिखा हुआ था, इसका मतलब ये संदेश दो बार मिनाहज़ को मिला होगा. आतंकी कश्मीर या देश के बाहर फोन पर बात करते वक़्त ग्रुप को फ्लाइट के नाम से पुकारते थे. आतंकी कहते थे कि ”पहली फ्लाइट, दूसरी फ्लाइट” जा चुकी है. पहली टीम घर से बाहर निकल गई है यानी पहली फ्लाइट चली गई है. यह कोड भाषा के इतने आदि हो गए थे कि मोड्यूल के किसी भी सदस्य ने नाम का शब्द कभी अपने मुंह से नहीं निकाला था.
दोस्त आ रहे हैं गोश्त पकाओ
डायरी के अंदर कई उर्दू शब्द भी अलग-अलग पन्नों पर लिखे हुए हैं जिसमें या खुदा, मिशन अल्लाह जैसे शब्द हैं जिनके बारे में एटीएस अभी पता कर रही है कि इनको लिखने का क्या मतलब है. एक संदेश यूपी एटीएस ने भी ब्रेक किया है जिसमें कहा गया है कि दोस्त आ रहे हैं गोश्त पकाओ. इसका मतलब लखनऊ तौहीद और मूसा आने वाले थे. डायरी में एक कोड ये भी लिखा था कि किताब पढ़ ली है यानी रेकी कर ली है. किताब में 7 पेज हैं यानी 7 जगह वारदात को अंजाम दिया जा सकता है.
किताब छप गई मतलब बम बन गया
डायरी में मिले एक और कोड ने जांच एजेंसियों को सकते में डाल दिया. जिसमें लिखा था कि किताब छप गई है यानी बम बन गया है किताब पहुंचा दी है यानी हमला करने वाला सामान जगह पर रख दिया गया है.
लाइब्रेरी, कूड़ेदान या रैक शब्दों हथियार रखने की जगह
प्रेशर कुकर बम, हथियार जैसी चीज़ों को रखने के लिए लाइब्रेरी, कूड़ेदान या रैक शब्दों का प्रयोग किया जाता था जिसका डायरी में जिक्र है. बकरीद से पहले ब्लास्ट करने की योजना के लिए कुर्बानी शब्द का कोड वर्ड डायरी में लिखा हुआ है.
सभी को रटे हुए थे सारे कोड वर्ड
ये आतांकि इन कोड से इतने वाकिफ हो गए थे कि मोड्यूल के किसी भी सदस्य ने नाम का शब्द कभी अपने मुंह से नहीं निकाला था. डायरी के अंदर कई उर्दू शब्द भी अलग-अलग पन्नो पर लिखे हुए हैं. जिसमें या खुदा, मिशन, अल्लाह जैसे शब्द हैं. जिनके बारे में एटीएस अभी पता कर रही है कि इनको लिखने का क्या मतलब है.
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