उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (UP ATS) ने राजधानी लखनऊ से 2 मौलानाओं को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में मोहम्मद उमर गौतम जो कि हिंदू से मुस्लिम में कनवर्टेड है, उसने पूछताछ के दौरान बताया है कि अब तक 1000 से ज्यादा हिंदूओं का धर्म परिवर्तन करा चुके हैं और बड़ी संख्या में उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है। ये आरोपी दूसरे धर्म के लोगों को डरा-धमकाकर बल पूर्वक, पैसे और नौकरी का लालच देकर, झूठ बोलकर और मानसिक दबाव बनाकर धर्म परिवर्तन कराने का काम कर रहे थे।
बच्चों, महिलाओं और मूक बधिर लोगों को बना रहे थे टारगेट
गिरफ्तार मौलानाओं में मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम शामिल है। दोनों आरोपी दिल्ली के जामिया नगर के निवासी हैं। एटीएस को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ देश विरोधी व असामाजिक तत्व, धार्मिक संगठन/सिंडिकेट आईएसआई व विदेशी संस्थाओं के निर्देश और उसने प्राप्त फंडिंग के आधार पर लोगों का धर्म परिवर्तन कर देश की जनसंख्या संतुलन को बदलने का काम कर रहे हैं।
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मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि धर्म परिवर्तन किए गए लोगों को उनके मूल धर्म के प्रति विद्वेश एवं नफरत भाव पैदा कर उन्हें रेडिक्लाइज करके देश के विभिन्न धार्मिक वर्गों में आपसी वैमनस्य फैलाकर देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा था। गिरफ्तार आरोपी करीब 2 साल से इस काम का अंजाम दे रहे थे। नियम विरूद्ध धर्म परिवर्तन के इस कार्य में सीधे-साधे कमजोर वर्ग के नागरिकों, बच्चों, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जन जाति तथा मूक बधिर लोगों को विशेष रूप टारगेट किया जा रहा है।
नोएडा डेफ सोसायटी के 117 बच्चों का कराया धर्मांतरण
एडीजी ने बताया कि उमर और उसके सहयोगी दिल्ली के जोगाबाई एक्सटेंशन, जामिया नगर में आईडीसी (इस्लामिक दावाह सेंटर) नामक संस्था का संचालन कर रहे थे, जिसका उद्देश्य गैर-मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराना है। इस काम के लिए संस्था के बैंक खाते में और अन्य माध्यमों से भारी मात्रा में पैसे उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके लिए विदेशों से फंडिंग भी की जा जाती है, जिसका इस्तेमाल धर्म परिवर्तन में किया जाता है। एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि आरोपियों ने नोएडा डेफ सोसायटी के 117 के बच्चों का धर्मांतरण करा चुके हैं।
मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी तैयार कराता था फेक प्रमाण पत्र
गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद उमर गौतम के बहुत से सहयोगी हैं, जिनमें से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर धर्मांतरण के इस आपराधिक षडयंत्र में सहयोगी है। इसके द्वारा धर्मांतरण प्रमाण पत्र और विवाह प्रमाण पत्र गैर कानूनी ढंग से तैयार किया जाता था। फिलहाल, गिरफ्तार आरोपियों से जानकारी जुटाई जा रही है। इन्हें फंडिंग कहां-कहां से होती थी? इस तरह के तमाम ऐसे सवाल हैं, जिन्हें लेकर एटीएस पूछताछ कर रही है।
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