उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के पिहानी थाने में तैनात सिपाही का शव संदिग्ध परिस्थितियों में सोमवार को उनके आवास से बरामद किया गया है। घटना की जानकारी के बाद से ही विभाग में हड़कंप मच गया है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है, लेकिन अभी तक मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।
बहनों को हुई थी अनहोनी की आशंका
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इटावा जिले के सैफई थाने के मोहल्ला प्रेमनगर चौराहा निवासी विमलेश यादव साल 1997 बैच के सिपाही थे। मूल रूप से प्रेमनगर, इटावा के रहने वाले 38 वर्षीय कांस्टेबल विमलेश यादव कोतवाली के नजदीक ही स्वर्गीय प्रभात चंद्र मिश्रा के मकान में किराए पर कमरा लेकर रहते थे। इन दिनों उनकी तैनाती पिहानी थाने में थी।
जानकारी के मुताबिक, सिपाही की भतीजी रंजू यादव हरदोई शहर में रहकर पढ़ाई करती है। भतीजी का कहना है कि उन्हें अक्सर सीने में दर्द की शिकायत रहती थी। सूत्रों ने बताया कि हरदोई जिले में ही रहने वाली उनकी ममेरी बहनों ने सोमवार को उनसे बात करने के लिए फोन किया था लेकिन काफी देर तक रिंग बजने के बाद भी फोन नहीं उठा।
दरवाजा तोड़ कर देखा तो मृत पड़े थे विमलेश
इसके बाद उनकी बहनें पिहानी स्थित उनके कमरे पर पहुंची तो देखा कि कमरा अंदर से बंद था। ऐसे में उन्होंने कमरे का दरवाजा तोड़ा और अंदर जाकर देखा तो सिपाही विमलेश यादव मृत अवस्था में अपने बिस्तर पर पड़े हुए थे। आनन-फानन में उन्हें सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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सूत्रों ने बताया कि विमलेश की पत्नी गुड्डी अपने दो बेटों अखिलेश और आशू और एक बेटी सपना के साथ प्रेमनगर, इटावा में रहती हैं। संभावना जताई जा रही है कि कहीं विमलेश की मौत हार्ट अटैक की वजह से तो नहीं हुई हैं। बताया जा रहा है कि विमलेश को बनारस में सोमवार की ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए निकलना था, लेकिन उसी बीच यह अनहोनी हो गई। उधर, पुलिस का कहना है कि सिपाही की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा।
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