हाल ही में यूपी के अमेठी जिले में एक महिला दारोगा ने फांसी के फंदे पर लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. इस पर रविवार की शाम सपा प्रमुख अखिलेश यादव मृतका के परिजनों से मिलने पहुंचे थे. जिसके बाद उन्होने ट्वीटर पर कुछ ऐसा पोस्ट कर दिया जो सच्चाई से विपरीत था. जिसके चलते यूपी पुलिस विभाग ने ट्वीट करते हुए सभी अफवाहों का खंडन किया है. इसके साथ ही यूपी पुलिस ने महिला दारोगा ने फांसी लगाने के पीछे की वजह का भी जिक्र किया है.
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, रविवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लखनऊ जिले के गोसाईगंज इलाके में पहुंचे और महिला दारोगी रश्मि यादव के परिवार से मुलाकात की. यहां अखिलेश ने सीधे बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि रश्मि एक जाति विशेष की होने के कारण पुलिस थाने में दबाव में थीं. रश्मि ने मेहनत करके परीक्षा पास की और नौकरी हासिल की थी. रश्मि को किन कारणों से आत्महत्या करनी पड़ी, इसकी जांच होनी चाहिए. घटना दुखद है.
अखिलेश ने कहा कि मुझे जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार थाने पर काफी पॉलीटिकल प्रेशर था. उन्होंने कहा कि एक विशेष जाति का होने की वजह से उस (रश्मि यादव) पर पॉलीटिकल प्रेशर था.
अखिलेश ने अपने ट्वीटर पर लिखा, ”अमेठी में पिछड़ी जाति की एक महिला सब इंस्पेक्टर को तथाकथित प्रभुत्ववादी जाति के पुलिस अधिकारियों द्वारा जातिगत मानसिक उत्पीड़न के बाद जिस तरह आत्महत्या करने पर बाध्य होना पड़ा है, वो बेहद दुखद और निंदनीय घटना है. मा. न्यायालय तत्काल संज्ञान ले व दोषियों को निलंबित कर जाँच बिठाए.”
अमेठी में पिछड़ी जाति की एक महिला सब इंस्पेक्टर को तथाकथित प्रभुत्ववादी जाति के पुलिस अधिकारियों द्वारा जातिगत मानसिक उत्पीड़न के बाद जिस तरह आत्महत्या करने पर बाध्य होना पड़ा है, वो बेहद दुखद और निंदनीय घटना है।
मा. न्यायालय तत्काल संज्ञान ले व दोषियों को निलंबित कर जाँच बिठाए। pic.twitter.com/3FqLhOR5Nk
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 24, 2022
यूपी पुलिस ने किया खंडन
यूपी पुलिस ने ट्वीट करके इस अफवाह का खंडन किया. यूपी पुलिस ने ट्वीट करके लिखा कि, “दिनांक 22.04.2022 को जनपद अमेठी में नियुक्त महिला एसआई रश्मि यादव की दुःखद मृत्यु के सम्बंध में अब तक की जाँच से व्यक्तिगत कारणों से उत्पन्न अवसाद के कारण उपनिरीक्षक द्वारा आत्महत्या किया जाना पाया गया है,जिसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई है. अग्रिम कार्यवाही प्रचलित है”
https://t.co/Hq43kgEpKN pic.twitter.com/e4ovqa8Zqg
— UP POLICE (@Uppolice) April 24, 2022
वहीं दूसरे ट्वीट में लिखा गया कि, ”जनपद अमेठी में महिला दारोगा द्वारा की गई आत्महत्या मामले में अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि ये कदम किसी पुलिस अधिकारी द्वारा उत्पीड़न से तंग आकर नहीं उठाया गया. इस दुखद घटना को जातिगत आधार देना संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है”
फांसी पर लटका मिला था शव
शुक्रवार को थाने पर होने वाले क्षेत्राधिकारी के विभागीय निरीक्षण की तैयारी को लेकर महिला हेल्पडेस्क प्रभारी रश्मि यादव थाने पर बैठी थीं. दो बजे क्षेत्राधिकारी का विभागीय निरीक्षण स्थगित होने की सूचना आई और वह यह कहकर अपने सरकारी आवास पर चली गई कि अग्रिम आदेश की सूचना देना. इसी दौरान विभागीय सूचना आई कि सीओ के बजाय रात में अपर पुलिस अधीक्षक विभागीय निरीक्षण करेंगे.
सूचना के लिए पुलिस स्टाफ ने उन्हें पहले फोन पर सूचना देने की कोशिश की. फोन न उठने पर पुलिसकर्मी उनके आवास पर गए और आवाज लगाई. दरवाजा न खोलने पर लोगों को शंका हुई. जिस पर पुलिस कर्मियों ने दरवाजा तोड़ा तो वहां का नजारा उलट देखने को मिला. चौकी प्रभारी का शव दुपट्टे से पंखे से लटकता मिला. इस दौरान उनकी कमर में पिस्टल लगी हुई थी.
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