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UP: पुलिसकर्मियों ने चौकी को बनाया लूट का अड्डा, रबर फैक्टरी के क्वार्टर को निजी हवालात, जानिए वसूली कांड की पूरी कहानी

बरेली (Bareilly) के फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र में तैनात दरोगा बलवीर सिंह के खिलाफ कई गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। इन आरोपों में स्मैक तस्करी और पुलिस चौकी पर वसूली करने का मामला प्रमुख है। पिछले कुछ समय से दरोगा और उनके साथियों के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन अब यह मामला गंभीर मोड़ पर पहुंच चुका है। एसएसपी अनुराग आर्य ने मामले की जांच के बाद प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी मेविस टॉक को थाने का चार्ज सौंपा है, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ।

कस्बा चौकी का काला धंधा

फतेहगंज पश्चिमी थाने की कस्बा चौकी पर तैनात बलवीर सिंह, सिपाही हिमांशु तोमर और मोहित कुमार ने पुलिस चौकी को एक अवैध लूट के अड्डे में बदल दिया था। स्मैक तस्करी के आरोप में कई लोगों को रबर फैक्ट्री के क्वार्टर में बंद कर वसूली की जाती थी। उत्तराखंड पुलिस द्वारा किए गए छापे के बाद भी इनकी मनमानी नहीं रुकी। चौकी प्रभारी और उनके साथी अब इन गंभीर आरोपों के कारण फंसे हुए हैं।

किसानों को धमकाकर की गई वसूली

कस्बा चौकी प्रभारी बलवीर सिंह और उनके साथी सिपाही हिमांशु तोमर और मोहित कुमार ने एक किसान को अगवा कर लिया और रबर फैक्ट्री के क्वार्टर में बंधक बना लिया। किसान से तीन लाख रुपये की मांग की गई, जिसमें दो लाख रुपये वसूल भी लिए गए। यह घटना बरेली जिले के भिटौरा गांव में घटी, जहां इन पुलिसकर्मियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किसान को डराने-धमकाने का प्रयास किया।

किसान से छीनें लाखों रुपये

बरेली में पुलिसकर्मियों के अत्याचारों का एक और चौंकाने वाला उदाहरण सामने आया है। तीन पुलिसकर्मियों ने दिन के उजाले में किसान के घर में घुसकर उसे अगवा किया और उसकी बुरी तरह से पिटाई की। इस दौरान उन्होंने उसका वीडियो बनाया और उसे रबर फैक्ट्री में बंधक बना लिया। किसानों से वसूली के आरोपों के बाद एसएसपी ने इन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है, और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम भी गठित कर दी गई है।

सीओ ने घटनास्थल पर पहुंचकर बचाई किसान की जान

एसएसपी के निर्देश पर सीओ हाईवे नीलेश मिश्रा ने तुरंत मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की और बलवीर सिंह को तथा उसके साथियों को पकड़ने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिसकर्मी भाग गए, लेकिन सीओ ने किसान को मुक्त करवा लिया और मामले में आगे की कार्रवाई शुरू कर दी। सीओ की तत्परता और एसएसपी के निर्देशों से ही यह कदम उठाया गया, जिससे किसान को राहत मिली।

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