बॉलीवुड फिल्म जॉली एलएलबी की कहानी हकीकत में तब बदल गई जब बिहार (Bihar) का कासिम (Kasim), मेरठ (Meerut) के दादरी स्थित शिव मंदिर में कृष्ण (Krishna) नाम से पुजारी बनकर रहने लगा। जैसे फिल्म में आतंकी इकबाल कादरी साधु का रूप धारण कर मथुरा में छिपा था, ठीक वैसे ही कासिम ने भी हिंदू नाम और पहचान के साथ मंदिर में पूजा-पाठ शुरू कर दिया।
फर्जी आधार कार्ड बनाने की कोशिश में फंसा
एक साल से मंदिर में पूजा करा रहे कासिम से जब स्थानीय युवकों ने आधार कार्ड मांगा तो वह भाग खड़ा हुआ। लेकिन शिवरात्रि के दिन मंदिर लौटा और सामान व दानपात्र से पैसे निकालने लगा। इसी दौरान युवकों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। पूछताछ में उसने असली नाम कासिम कबूला और बताया कि वह कोली रायपुर, सीतामढ़ी (बिहार) का निवासी है।
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कृष्ण बनकर कर रहा था पूजा-पाठ
कासिम ने पुलिस को बताया कि उसने दिल्ली के कालका जी मंदिर में साफ-सफाई के दौरान पूजा-पाठ सीखा था। वहीं से उसने साधु जैसा जीवन अपनाया और बाद में हरिद्वार की ओर पैदल निकल पड़ा। दादरी पहुंचकर स्थानीय लोगों से संपर्क किया और खुद को कृष्ण पुत्र संतोष कुमार बताकर मंदिर में रहना शुरू कर दिया।
इंटेलिजेंस और आईबी की पूछताछ में कई खुलासे
गिरफ्तारी के बाद खुफिया विभाग और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीमों ने कासिम से लंबी पूछताछ की। जांच में पता चला कि वह फर्जी नाम से आधार कार्ड बनवाने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने दादरी निवासी मोनू की शिकायत पर उसके खिलाफ चोरी, छल और धार्मिक भावनाएं आहत करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
धार्मिक पुस्तकों से भरा पड़ा था कमरा
पुलिस को कासिम के कमरे से भगवा कपड़े, गीता, देवी चालीसा, हनुमान चालीसा, पंचांग और कई धार्मिक किताबें मिलीं। वह गायत्री मंत्र, सप्ताह के देवताओं के मंत्र और हस्तरेखा का ज्ञान होने का दावा करता था।
खतौली के मंदिर में भी कर चुका है प्रवास
पूछताछ में कासिम ने यह भी बताया कि वह दादरी से कुछ समय के लिए खतौली के श्मशान घाट स्थित काली मंदिर में रहा था। वहां सफाई का काम किया लेकिन भोजन की दिक्कत के चलते दोबारा दादरी लौट आया। गिरफ्तारी के समय वह हरिद्वार जाने की योजना बना रहा था। फिलहाल आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर जेल भेज दिया गया है।