औरैया: एरवाकटरा क्षेत्र में शुक्रवार को खांसी की दवा लेने के बाद दो छोटे बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। ढाई वर्षीय रोहन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि नौ महीने का सोहन गंभीर हालत में सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। स्थानीय चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि बच्चों को दी गई दवा मूल कंपनी की नहीं थी और यह बच्चों के लिए सुरक्षित भी नहीं थी, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा।
मुंडन समारोह के बाद हुआ हादसा
सहार थाना क्षेत्र के पटना गांव निवासी सचिन कुमार अपनी पत्नी नेहा और दो बच्चों के साथ गुरुवार को एरवाकटरा क्षेत्र के दोबा में सोहन का मुंडन समारोह मनाने गए थे। मुंडन के बाद परिवार अपने-अपने घर लौट गया, लेकिन सचिन परिवार सहित रिश्तेदारों के घर नगला कहारन में रुका। शुक्रवार सुबह दोनों बच्चों को खांसी और उल्टी की शिकायत हुई।
परिजन द्वारा दी गई दवा और दूध
बच्चों की मौसी ने घर में रखी खांसी की दवा बच्चों को पिला दी। इसके बाद नेहा ने रोहन को दूध भी पिलाया। थोड़ी देर बाद दोनों बच्चे सो गए। दोपहर तक जब बच्चे नहीं जागे, तो परिजनों ने उन्हें उठाने का प्रयास किया, लेकिन दोनों बेहोश पाए गए। तुरंत उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां रोहन को मृत घोषित कर दिया गया और सोहन को गंभीर स्थिति में रेफर किया गया।
डॉक्टरों की प्राथमिक राय
सीएचसी के डॉक्टर प्रदीप कुमार ने बताया कि बच्चों को दी गई दवा न तो ऑरिजिनल थी और न ही बच्चों के लिए सुरक्षित। डॉक्टर ने कहा कि दवा और दूध लेने के बाद बच्चा सो गया और नींद में उल्टी होने के कारण श्वासनली में अवरोध हो गया, जिससे दम घुटने की आशंका है। हालांकि परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और रोहन का शव घर ले गए। परिवार में दो बच्चों में से एक की मौत से भारी शोक का माहौल है।

















































