UP: राज्यसभा चुनाव में सात क्रॉस वोटिंग, कार्रवाई सिर्फ तीन विधायकों पर क्यों? उठ रहे बड़े सवाल

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सियासत में सोमवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने बड़ा कदम उठाते हुए तीन विधायकों मनोज पांडेय (Manoj Pandey), राकेश प्रताप सिंह (Rakesh Pratap Singh) और अभय सिंह (Abhay Singh) को पार्टी से निष्कासित कर दिया। ये फैसला हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग और पार्टी विरोधी गतिविधियों के मद्देनज़र लिया गया है।

सिर्फ तीन पर कार्रवाई क्यों?

राज्यसभा चुनाव में कुल सात सपा विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जबकि एक विधायक वोटिंग में अनुपस्थित रहीं। इसके बावजूद पार्टी ने सिर्फ तीन विधायकों पर कड़ा रुख अपनाया है। इस निर्णय को लेकर राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि बाकी पांच विधायकों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

तीनों विधायक लगातार पार्टी लाइन के खिलाफ

पार्टी के भीतर मौजूद सूत्रों के अनुसार, निष्कासित किए गए तीनों विधायक लंबे समय से पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मुखर थे। साथ ही, ये भाजपा के साथ नजदीकी संबंध भी बना चुके थे। इनका रवैया सपा नेतृत्व के लिए चुनौती बन गया था।

अन्य विधायकों को मिल सकती है ‘घर वापसी’ की छूट

सपा सूत्र बताते हैं कि बाकी पांच विधायकों की स्थिति थोड़ी अलग है। इनमें से कुछ ने निजी कारणों से सत्ता पक्ष का समर्थन किया था और अब भी वे पार्टी नेतृत्व के संपर्क में हैं। ऐसे में भविष्य में उनके पार्टी में वापसी की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा।

सपा प्रवक्ता ने दी सफाई

सपा के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी ने सोच-समझकर सिर्फ उन्हीं तीन विधायकों को निष्कासित किया है, जो खुलकर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने यह भी बताया कि विधानसभा अध्यक्ष को इस फैसले की सूचना भेजने के बारे में फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती।

शहजिल इस्लाम के वोट पर भी उठे सवाल

बरेली से सपा विधायक शहजिल इस्लाम का वोट तकनीकी कारणों से खारिज हो गया था। इसे लेकर भी पार्टी में असंतोष है, हालांकि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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