2008 बैच की आईपीएस अधिकारी अलंकृता सिंह (IPS Alankrita Singh) जो अपनी कड़ी मेहनत और मां की प्रेरणा से आईपीएस बनीं थीं, उन्होंने अपनी सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके इस्तीफे को मंजूरी दे दी है। अब उनकी पत्रावली गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी और माना जा रहा है कि राष्ट्रपति से इसकी अंतिम स्वीकृति जल्द ही मिल जाएगी।
चार साल से अनुपस्थित, निजी क्षेत्र में बना रहीं भविष्य
अलंकृता सिंह लगभग चार साल से ड्यूटी पर अनुपस्थित थीं। 2021 में उन्होंने बिना विभागीय अनुमति के विदेश यात्रा की और लंदन चली गईं। वहां वह अपने पति के साथ एक विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं। अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने निजी क्षेत्र में बेहतर भविष्य बनाने के लिए यह निर्णय लिया है।
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ड्यूटी पर न लौटने पर हुई थीं निलंबित
अलंकृता सिंह की अंतिम तैनाती एसपी, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (1090) के पद पर थी। 19 अक्टूबर 2021 को उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी को वॉट्सऐप कॉल पर बताया कि वह लंदन में हैं और इसके बाद से ड्यूटी पर नहीं लौटीं। उनकी इस अनुपस्थिति के कारण अप्रैल 2022 में उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
प्रशासनिक जीवन की उपलब्धियां
सुलतानपुर में एसपी के पद पर रहते हुए अलंकृता ने महिलाओं को तंग करने वालों के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चलाया। उनकी इस पहल को व्यापक सराहना मिली और इसी आधार पर 1090 हेल्पलाइन की शुरुआत हुई।
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मां की प्रेरणा से बनीं थीं आईपीएस
अलंकृता सिंह जमशेदपुर, झारखंड की निवासी हैं। उन्होंने अपनी मां की नसीहत से प्रेरित होकर आईपीएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया। 2017 में वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी में उप निदेशक के पद पर तैनात रहीं।
विदेश यात्रा पर सवाल
2021 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद अलंकृता महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन में तैनात हुईं। इसी दौरान वह डेढ़ महीने की छुट्टी पर गईं और फिर लंदन चली गईं। बिना अनुमति विदेश जाने और ड्यूटी पर न लौटने के कारण उन्हें शासन की ओर से निलंबित किया गया था। अब उनके सरकारी सेवा छोड़ने का फैसला चर्चा में है।