UP: आजम खान से मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान वापस लेगी योगी सरकार, संयुक्त निदेशक पर होगी कार्रवाई

समाजवादी पार्टी की सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहते हुए आजम खान (Azam Khan) द्वारा मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (Maulana Mohammad Ali Jauhar Training and Research Institutue) लीज पर लेने के मामले में योगी सरकार (Yogi Government) ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। अब आजम खान से यह सरकारी शोध संस्थान वापस लिया जाएगा। इसके लिए लीज निरस्त की जाएगी।

सरकार एसआईटी जांच के आधार पर उस समय के मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी (वर्तमान में संयुक्त निदेशक) राघवेन्द्र प्रताप सिंह पर विभागीय कार्रवाई करने जा रही है। उन्हें जल्द आरोप पत्र देकर जवाब मांगा जाएगा। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने करीब ढाई साल पहले शासन को सौंपी एसआइटी जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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दरअसल, इस शोध संस्थान को लेने के लिए संस्थान के उद्देश्य ही बदल दिए गए थे। शोध संस्थान के उद्देश्यों में उर्दू, अरबी व फारसी विषयों में उच्च शिक्षा की व्यवस्था करना एवं शोध कार्य कराना था। लेकिन आजम ने उच्च शिक्षा के स्थान पर सभी विषयों में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा जुड़वा दिया था। इसके बाद आजम ने इस सरकारी शोध संस्थान के भवन में रामपुर पब्लिक स्कूल खोल दिया था।

आजम खान ने कैबिनेट से निर्णय कराकर इसे मात्र 100 रुपये वार्षिक की दर से 33 साल के लिए लीज पर लिया था। यह लीज 33-33 साल के लिए दो बार बढ़ाई जा सकती है। आजम ने इस सरकारी शोध संस्थान को अपने उस ट्रस्ट को दिलवा दिया था जिसके वे खुद आजीवन अध्यक्ष हैं। यही ट्रस्ट जौहर विश्वविद्यालय का संचालन करता है।

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योगी सरकार ने वर्ष 2018 में अनियमितताओं को देखते हुए इसकी एसआइटी जांच करवाई थी। एसआइटी को इसमें पद के दुरुपयोग के कई साक्ष्य भी मिले थे। एसआइटी ने 31 जनवरी 2020 को अपनी जांच रिपोर्ट में तीन बिंदुओं की संस्तुति की थी। इसमें सरकारी शोध संस्थान की लीज निरस्त करने व इस भवन के निर्माण एवं उसकी उपयोगिता के संबंध में आडिट कराने की संस्तुति की है।

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एसआइटी ने उस समय के मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह पर लापरवाही व उदासीनता बरतने के आरोप लगाते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की थी। इसी आधार पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्म पाल सिंह ने राघवेन्द्र प्रताप सिंह पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति कर दी है।

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