उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की जीरो टॉलरेंस नीति और मिशन शक्ति अभियान ने सकारात्मक असर दिखाया है। एनसीआरबी की क्राइम इन इंडिया 2023 रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश महिलाओं की सुरक्षा के मामले में राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में खड़ा है। यह रिपोर्ट यूपी में कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा में सुधार को उजागर करती है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध दर राष्ट्रीय औसत से कम
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में प्रदेश में महिलाओं से जुड़े कुल 66,381 मामले दर्ज हुए। प्रति लाख महिला आबादी पर अपराध दर केवल 58.6 रही, जबकि राष्ट्रीय औसत 66.2 है। इसका मतलब है कि यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर राष्ट्रीय औसत से लगभग 11 प्रतिशत कम है। इसी आधार पर उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराध में देशभर में 17वें स्थान पर है।
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विभिन्न श्रेणियों में यूपी का बेहतर प्रदर्शन
महिला सम्मान भंग (शील भंग) के मामलों में भी यूपी का प्रदर्शन बेहतर रहा। देश में कुल 83,891 मामले दर्ज हुए, जबकि यूपी में केवल 9,453 मामले दर्ज हुए और अपराध दर 8.3 रही। दुष्कर्म (IPC 376) के मामलों में प्रदेश 22वें स्थान पर है, जबकि बच्चों के यौन शोषण से जुड़े POCSO एक्ट के मामलों में यूपी 24वें स्थान पर है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रदेश कई बड़े राज्यों की तुलना में बेहतर स्थिति में है।
मिशन शक्ति और त्वरित कानूनी कार्रवाई का असर
महिला अपराध दर में कमी केवल पुलिस की सक्रियता का परिणाम नहीं है। मिशन शक्ति अभियान ने महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए आत्मविश्वास दिया है। महिलाएं अब घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और छेड़छाड़ जैसे मामलों की शिकायत करने में ज्यादा सशक्त महसूस कर रही हैं।
महिला सुरक्षा में सुधार का सार
तेज और प्रभावी कानून व्यवस्था के कारण महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आई है। मिशन शक्ति के माध्यम से महिलाओं को संरक्षण और न्याय सुनिश्चित किया गया है। इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा में बेहतर स्थिति में दिखाई दे रहा है और यह प्रदेश सरकार की महिलाओं के लिए समर्पित प्रयासों का प्रत्यक्ष प्रमाण है।


















































