UPPSC छात्रों के विरोध पर आयोग का जवाब, कहा- अभ्यर्थियों की मांग पर ही व्यवस्था में किया गया सुधार

UPPSC Protest: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने परीक्षाओं की शुचिता और अभ्यर्थियों की सुविधा को अपनी प्राथमिकता बताते हुए एक बयान जारी किया है। आयोग ने अभ्यर्थियों के एक वर्ग द्वारा नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पर उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह सुधार अभ्यर्थियों की मांग पर किए गए हैं।

आयोग के प्रवक्ता ने सोमवार को जारी बयान में स्पष्ट किया कि परीक्षा केंद्रों का चयन शुचिता और गुणधर्मिता सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि आयोग ने केवल उन केंद्रों पर परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है, जहाँ किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना नहीं है। पहले के कुछ दूर-दराज के केंद्रों पर गड़बड़ियों की सूचना मिली थी, जिससे योग्य छात्रों के भविष्य पर अनिश्चितता का खतरा था। इसे समाप्त करने के लिए, आयोग ने इन केंद्रों को हटाया है और केवल राजकीय एवं वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थानों को परीक्षा केंद्र के रूप में चुना है।

आयोग ने बताया कि अभ्यर्थियों की सुविधा और परीक्षा की शुचिता को ध्यान में रखते हुए, पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 07 और 08 दिसंबर को दो दिनों में, और आरओ/एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा 2023 को 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में आयोजित की जाएगी।

इसके अलावा, आयोग ने यह भी बताया कि जहां एक से अधिक दिन और पाली में परीक्षा आयोजित की जाती है, वहां प्रसामान्यीकरण (Normalization) की प्रक्रिया अपनाना आवश्यक होता है, जैसा कि विभिन्न प्रतिष्ठित भर्ती निकायों और आयोगों में किया जाता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और राधाकृष्णन कमेटी की सिफारिशों के अनुसार यह प्रक्रिया लागू की जाती है।

प्रवक्ता ने आगे कहा कि 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत, यदि किसी विज्ञापन, भर्ती या चयन प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट निर्देश नहीं हैं, तो सक्षम प्राधिकारी इसे निर्धारित करने का अधिकार रखते हैं। आयोग द्वारा इस प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।

आयोग ने यह भी बताया कि कुछ टेलीग्राम चैनल्स और यूट्यूबर्स द्वारा परीक्षा टलवाने की साजिश की जा रही है और अभ्यर्थियों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई अभ्यर्थी जिन्होंने इस परीक्षा को अपनी भविष्यवाणी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना है, आयोग के इस निर्णय का समर्थन कर रहे हैं।

आयोग ने स्पष्ट किया कि सरकार और आयोग की मंशा छात्र हितों की रक्षा करना और मेरिट के आधार पर चयन सुनिश्चित करना है। इस संबंध में सभी आवश्यक जानकारी अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराई जा रही है।

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