वॉशिंगटन दौरे पर आए पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) जरदारी की अमेरिका में उस समय आलोचना झेलनी पड़ी जब अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन (Brad Sherman) ने उनसे जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। शेरमैन ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक में दो टूक कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रवैया अपनाना होगा।
डेनियल पर्ल की हत्या का हवाला
I emphasized to the Pakistani delegation the importance of combatting terrorism, and in particular, the group Jaish-e-Mohammed, who murdered my constituent Daniel Pearl in 2002. Pearl’s family continues to live in my district, and Pakistan should do all it can to eliminate this…
— Congressman Brad Sherman (@BradSherman) June 5, 2025
ब्रैड शेरमैन ने इस बातचीत के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि उन्होंने पाक प्रतिनिधिमंडल को जैश-ए-मोहम्मद को खत्म करने की आवश्यकता के बारे में समझाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यही आतंकी संगठन 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल (American journalist Daniel Pearl) की नृशंस हत्या में शामिल था।
डॉ. शकील अफरीदी की रिहाई की मांग
अमेरिकी सांसद ने पाकिस्तान सरकार से डॉ. शकील अफरीदी को रिहा करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अफरीदी की रिहाई 9/11 के पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक अहम कदम होगा। गौरतलब है कि अफरीदी ने अमेरिकी एजेंसियों को ओसामा बिन लादेन का ठिकाना बताने में मदद की थी, जिसके चलते उन्हें पाकिस्तान में 33 साल की सजा दी गई है।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर जताई चिंता
शेरमैन ने पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में रह रहे ईसाई, हिंदू और अहमदिया मुसलमानों को बिना डर के अपने धर्म का पालन करने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भाग लेने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की सलाह दी।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान हुआ घटनाक्रम
यह पूरा घटनाक्रम उस समय हुआ जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय सांसदों का एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भी अमेरिका के दौरे पर था। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में हुए पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी अमेरिकी अधिकारियों को दी और आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति स्पष्ट की।