दुःख की इस घड़ी में भी नहीं थमेगा विकास का पहिया, पीएम मोदी ने दिखाई वंदे भारत को हरी झंडी

जहां पूरा देश आज पुलवामा में हुए आतंकी हमले से आहात है, तो वहीं दूसरी और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुःख की घड़ी में वंदे भारत को हरी झंडी दिखाकर देश वासियों को यह संदेश दिया की चाहे कितनी भी मुश्किल घड़ी हो लेकिन यह देश प्रगति की रह कभी नहीं छोड़ेगा. पीएम मोदी ने दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली देश की सबसे तेज रफ्तार ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई. साथ ही मोदी ने ट्रेन में सफर करके इस ट्रेन का जायजा लिया.


गौरतलब है की आज पूरा देश पुलवामा में हुए आतंकी हमले से आहात है. और इस आतंकी हमले शहीद हुए 42 शहीदों के घरों में मातम पसरा हुआ है. जिसकी निंदा आज देश सहित पूरी दुनिया कर रही है. इससे पहले पीएम मोदी ने पुलवामा हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए देश के दुश्मनों को कड़ा संदेश दिया है कि देश डरने वाला नहीं है. देश की सेना को खुली छूट दे दी गई है और वह शहीदों के बलिदान को जाया नहीं जाने देगी और दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देगी. इसके साथ ही अपने भाषण से पहले पीएम मोदी ने दो मिनट का मौन भी रखा.


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पीएम मोदी ने दी इंजीनियरों को बधाई

भाषण में पीएम मोदी ने पुलवामा के शहीदों नमन करने के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस के इंजीनियरों को बधाई दी कि उन्होंने देश की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन बनाई। अपने भाषण में मोदी ने इंजीनियरों को धन्यवाद देते हुआ कहा की, उन्होंने देश में रेलवे की दिशा बदलकर रख दी, देश के विकास में योगदान देने वाले इंजीनियरों और जवानों को नमन करते हैं उनके द्वारा किए गए विकास को नमन करते हैं.


ट्रेन में पीएम मोदी के साथ रेल मंत्री पियूष गोयल भी रवाना हुए. पीएम ने पूरी का जायजा लिया. वह ड्राइवर सीट पर भी बैठे. बता दें कि यह ट्रेन 17 फरवरी से आम लोगों के लिए चलने लगेगी और इसके लिए टिकट की बुकिंग भी शुरू हो गई है. रेल विभाग के अधिकारी ने बताया कि इसकी टिकटें काउंटर या आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिये खरीदी जा सकती हैं. उल्लेखनीय है कि हाल ही में रेल मंत्री ने इस ट्रेन का नाम ट्रेन-18 से बदलकर वंदे भारत एक्सप्रेस कर दिया था.


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कब और कहां से चलेगी, कितने बजे पहुंचेगी

दिल्ली से वाराणसी के बीच ट्रायल रन के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़कर यह देश की सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन बन गई. दिल्ली से सुबह 6 बजे चलकर यह दोपहर बाद 2 बजे वाराणसी पहुंचेगी और उसी दिन वाराणसी से दोपहर बाद 3 बजे चलकर रात 11 बजे दिल्ली पहुंचेगी. वंदे भारत सोमवार और बृहस्पतिवार को छोड़कर सप्ताह में पांच दिन चलेगी.


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कौन-कौन से होंगे स्टॉपेज

वंदे भारत एक्सप्रेस यानी ट्रेन 18 का अब तक जो समय निर्धारित है उसके हिसाब से वह सुबह 6 बजे दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेगी और दोपहर 2 बजे वाराणसी पहुंचेगी. इससके स्टॉपेज होंगे कानपुर और प्रयागराज. यह कानपुर सुबह 10.20 बजे पहुंचेगी और प्रयागराज 12.25 बजे पहुंचेगी. वाराणसी से वापसी में कितने बजे पहुंचेगी स्टॉपेज पर वापसी में यह वाराणसी से 3 बजे चलेगी और दिल्ली पहुंचेगी 11 बजे. इस दौरान प्रयागराज शाम 4.35 बजे पहुंचेगी और कानपुर 6.30 बजे पहुंचेगी.


हफ्ते में कब-कब चलेगी ट्रेन

वंदे भारत एक्सप्रेस हफ्ते में सिर्फ 5 दिन चलेगी- मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार. सोमवार और गुरुवार को ट्रेन नहीं चलेगी इस दिन इसमें मेंटेनेंस का काम होगा.
ट्रेन 18 यानी वंदे भारत एक्सप्रेस की खासियत.


  • देश की पहली बिना इंजन वाली 16 कोच की वंदे भारत एक्सप्रेस को भारतीय इंजीनियरों ने 18 महीने के रिकॉर्ड समय में बनाया है.
  • इस पर 97 करोड़ की लागत आई है और इसे इंटिगरल कोच फैक्टरी चेन्नई ने बनाया है. वंदे भारत 30 वर्ष पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेगी.
  • कुल 16 कोच जो चेयर कार होंगे.
  • 16 में से 12 कोच नॉर्मल चेयर कार होंगे और हर बोगी में 78 सीट होंगे.
  • 2 कोच एक्जिक्यूटिव टाइप होंगे जिनमें 25 सीट होंगे.
  • दो कोच ड्राइविंग कोच होंगे जो नॉर्मल चेयर कार टाइप के ही होंगे.
  • रेल अधिकारियों के मुताबिक इस ट्रेन का किराया शताब्दी एक्सप्रेस से 40 से 50 फीसदी ज्यादा हो सकता है. दिल्ली से वाराणसी की दूरी 755 किलोमीटर है.
  • इस ट्रेन के एक्जीक्यूटिव का किराया 2800 से 2900 के बीच एवं चेयरकार का 1600 से 1700 के बीच हो सकता है. वहीं, प्रयागराज के लिए एक्जीक्यूटिव श्रेणी में 2400 से 2500 एवं चेयरकार में 1400 से 1500 किराया हो सकता है.
  • ट्रेन की बॉडी स्टेनलेस स्टील की होगी.
  • इसकी अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर रहेगी.
  • हालांकि टेस्टिंग के दौरान यह 180 प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ चुकी है.
  • इस ट्रेन में वाई-फाई, जीपीएस पर आधारित यात्री सूचना सिस्टम, प्लश इंटीरियर्स, बायो वैक्यूम टॉयलेट, डिफ्यूस्ड एलईडी लाइटिंग, इंटेलीजेंट एसी आदि.
  • इसमें दिव्यांगों के लिए दो स्पेशल कोच बनाया गया है. विदेशों में भी निर्यात करने की योजना रेलवे ने बनाई है.
  • एक कोच से दूसरे कोच में जाने के लिए गैंगवे पूरी तरह सील होगा जिससे यात्रियों को परेशानी नहीं होगी.
  • पूरी ट्रेन के साथ ही ड्राइवर का केबिन भी एयर कंडीशन होता है.
  • ऑटोमैटिक दरवाजे होंगे जहां स्लाइडिंग सीढ़ियां होंगी जिससे उतरने में आसानी होगी.
  • ट्रेन को कंट्रोल और रिमोट मॉनीटर के लिए कंप्यूटर भी लगे होंगे.
  • फुली सस्पेंडेड ट्रांजेक्शन मोटर.
  • 50% पॉवर्ड एक्सल.
  • अधिकतम एक्सल लोड- 17 टी.
  • शुरुआती एक्सेलेरेशन- 0.7 मी/सेकंड वर्ग.
  • डीसीलेरेशन- 0.8 मी/सेकंड वर्ग.

गौरतलब है कि भले ही वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों को खाना लेना अनिवार्य होगा, लेकिन वो यात्री जो प्रयागराज से वाराणसी तक की यात्रा करेंगे उन्हें टिकट बुक कराने के वक्त खाना लेने या नहीं लेने की सुविधा होगी. सूत्रों के अनुसार, यदि यात्री इलाहाबाद से वाराणसी की यात्रा की टिकट बुक कराने के दौरान खाने का विकल्प नहीं चुनते हैं और यात्रा के दौरान वे खाना लेना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए अतिरिक्त 50 रुपये चुकाने होंगे.


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इतना आएगा खर्च

ट्रेन-18 या वंदे भारत एक्सप्रेस के एक्जीक्यूटिव क्लास और चेयर कार के लिए खाने का शुल्क भी अलग-अलग होगा. नई दिल्ली से वाराणसी के बीच एक्जीक्यूटिव क्लास में सफर करने वाले यात्रियों को सुबह की चाय, नाश्ते और लंच के लिए 399 रुपये देने होंगे तो चेयर कार में 344 रुपये पड़ेंगे. नई दिल्ली से कानपुर और प्रयागराज के बीच सफर करने वाले यात्रियों को एक्जीक्यूटिव क्लास में 155 और चेयर कार में 122 रुपये खर्च करने होंगे. वाराणसी से नई दिल्ली की यात्रा के दौरान यात्रियों को एक्जीक्यूटिव क्लास में 349 रुपये और चेयर कार में 288 रुपये खर्च करने होंगे. उन्हें शाम में चाय, स्नैक्स और रात का खाना दिया जाएगा.


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