विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने पश्चिम बंगाल में हिंसा (Bengal Violence) को लेकर चौंकान वाले दावे किए हैं। वीएचपी ने गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि इस हिंसा में बंगाल के 3500 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं। 40,000 से अधिक हिंदू पीड़ित हैं। इनमें बड़ी संख्या अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की है।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कि दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल में 2 मई से प्रारंभ हुई क्रूर व वीभत्स राजनैतिक हिंसा का शिकार राज्य का हिंदू समाज आज तक हो रहा है। 3500 से अधिक गांव और 40 हजार से अधिक हिंदू, जिनमें बड़ी मात्रा में हमारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का समाज भी शामिल है, हिंसा से बुरी तरह प्रभावित है। अनेक स्थानों पर महिलाओं पर क्रूर अत्याचार हुए हैं। खेत नष्ट किए गए हैं। दुकानें व घर धवस्त किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मछली व्यवसायियों के तालाबों में जहर डाला गया। लूट और मारपीट न हो, इलिए अब जबरन पैसा वसूला जा रहा है। इन सभी घटनाओं में इस्लामिक जिहादियों का हाथ प्रमुखता से सामने आ रहा है। इतने दिनों से चल रही वीभत्स और क्रूर हिंसा पर राज्य शासन-प्रशासन का रवैया पूरी तरह से तिरस्कारपूर्ण और उदासीनता का ही दिख रहा है। समाज में भय का वातावरण है, जिसके कारण व पुलिस के असहयोग की वजह से पीड़ितों की शिकायतों को दर्ज नहीं किया जा रहा है।

मिलिंद परांडे ने कहा कि इसी रवैया को देखते हुए विश्व हिंदू परिषद राज्य की न्यायपालिका का आवाहन करती है कि वह लोकहित में, नागरिकों की रक्षा के लिए मामले का स्वत: संज्ञान लेकर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को उनके कर्तव्यों के पालन के प्रति कठोरता से निर्देश दे। दंगाइयों पर जल्द अंकुश लगाकर उन्हें कठोरतम सजा होनी ही चाहिए। साथ ही हिंसा व आक्रमण के शिकार हिंदू समाज की रक्षा की पुख्ता व्यवस्था, उनके जान-माल के नुकसान की भरपाई और पुनर्वास की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा शीघ्रता से होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अनेक स्थानों पर हिंदुओं से उनके वोटर कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी जबरन छीन लिया गया है। वे उन्हें पुन: दिलवाए जाने चाहिए और हिंसा के शिकार लोगों पर लगे झूठे मुकदमे निरस्त किए जाएं। हमारा निवेदन है कि माननीय न्यायालय इन सभी विषयों को समग्रता से विचार कर संकट के इस काल में पीड़ितों को न्याय दिलाए।
केंद्रीय महामंत्री ने कहा कि अपने ही राज्य में शरणार्थी जैसा अपमानजनक जीवन जीने को विवश हिंदू समाज के भोजन व अन्य सेवा कार्यों में विश्व हिंदू परिषद व अन्य संगठन लगे हुए ही हैं। लेकिन यह एक बहुत बड़ा कार्य है, जिसके लिए हम संपूर्ण हिंदू समाज से आवाहन करते हैं कि इस मानव निर्मित आपदा में पीड़ित बंधु-भगिनियों का ढाढस बंधाने के लिए सब प्रकार से सहयोग के लिए आगे आएं।
उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार से भी अपेक्षा करते हैं कि क्षुद्र राजनीति से ऊपर उठकर, जो घिनौने अत्याचार स्थानीय अपराधियों व जिहादी तत्वों के माध्यम से हो रहे हैं, उन्हें वह कठोरता से रोके। हिंदुओं की रक्षा के लिए कदम उठाए और पीड़ितों के नुकसान की भरपाई व पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करे। राज्य के संपूर्ण हिंदू समाज के साथ विश्व हिंदू परिषद दृढ़ता से खड़ी है।
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