बॉलीवुड: इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार राजेश खन्ना की साल 1971 में एक फिल्म रिलीज हुई थी जिसका नाम हाथी मेरे साथी था. इस फिल्म में भी एक इंसान की हाथियों के प्रति प्रेम और सम्मान दर्शाया गया था, उसके बाद हाथी की मौत हो जाती है जिसके बाद इंतकाम का दौर शुरू होता है. फिल्म की कहानी को खूब पसंद किया गया था, और राजेश खन्ना रातों-रात स्टार बन गए थे. देखा जाए तो इन दिनों 29 मार्च को बॉक्स ऑफिस पर दस्तक देने वाली विद्युत जामवाल की फिल्म जंगली की कहानी भी इसी से मिलती-जुलती है. विद्युत जामवाल की जंगली को हॉलीवुड के डायरेक्टर चक रासेल ने डायरेक्ट किया है. जंगली में इंसान और जानवरों की दोस्ती के साथ-साथ हाथी के दांत की तस्वीर पर ध्यान केंद्रित किया गया है. अगर आप भी जंगली देखने का बना रहे हैं प्लान तो यहां देखिए रिव्यू…
मूवी रिव्यू: जंगली
कलाकार: विद्युत जामवाल, पूजा सावंत, आशा भट्ट, अक्षय ओबेरॉय, अतुल कुलकर्णी, मकरंद देशपांडे
निर्देशक: चक रसेल
निर्माता: जंगली पिक्चर्स
रेटिंग: तीन स्टार
फिल्म जंगली की पूरी कहानी-
जंगली में विद्युत जामवाल राज नायर की भूमिका निभा रहे हैं, जो फिल्म में जानवरों का डॉक्टर होता है. जानवरों से राज को बहुत ही ज्यादा लगाव होता है. राज का बचपन जानवरों और खासकर हाथियों के साथ ही व्यतीत हुआ रहता है. मुंबई में राज डॉक्टर होता और दस साल बाद अपनी मां की बर्सी में अपने गांव चंद्रिका वापस आता है. तो वहीं राज के पिता हाथियों की सेंचुरी चंद्रिका में ही संभालते हैं.
यहां राज की मुलाकात फॉरेस्ट रेंजर देव, महावत शंकरा और जर्नलिस्ट मीरा से होती है. राज को यहां की जिंदगी काफई अच्छी लगने लगती है, लेकिन इसी दौरान उसे हाथी के दांतो के तस्कर के बारे में पता चलता है, उसे पता चलता है कि यहां हमेशा हाथियो को मारा जाता है और उसके दांत की तस्करी करते हैं.
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