दिल्ली में रेखा गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने शपथ ली, और भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा का नया स्पीकर चुना गया है। यह एक नाटकीय बदलाव प्रतीत होता है, क्योंकि पहले विधानसभा में मार्शलों द्वारा उन्हें बाहर किया गया था। अब वही विजेंद्र गुप्ता सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे।
क्यों हुई थी घटना?
विजेंद्र गुप्ता को मार्शलों द्वारा 2019 में दिल्ली विधानसभा से बाहर किया गया था। उस वक्त वह प्याज की बढ़ती कीमतों पर चर्चा करने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया था। इसके बावजूद, गुप्ता अपनी मांग पर अड़े रहे और इस कारण मार्शल्स ने उन्हें सदन से बाहर कर दिया था। बाद में भाजपा के अन्य विधायकों ने भी वॉकआउट किया था।
जीत और हार का दिलचस्प सफर
विजेंद्र गुप्ता ने 2015 और 2020 में अरविंद केजरीवाल की लहर के बीच भी रोहिणी विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी। हालांकि, दिल्ली विधानसभा में भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के बीच कड़ी टक्कर रही है, लेकिन अब भाजपा के मजबूत बढ़ते प्रभाव के साथ गुप्ता ने विजय हासिल की। पहले उन्हें चांदनी चौक में 2009 में कांग्रेस के कपिल सिब्बल से हार का सामना करना पड़ा था, और फिर 2013 में अरविंद केजरीवाल के हाथों भी हार मिली थी। बावजूद इसके, गुप्ता ने अपनी मेहनत और पार्टी में विश्वास रखते हुए राजनीति में अपनी पहचान बनाई।
विजेंद्र गुप्ता का शिक्षा और राजनीतिक सफर
विजेंद्र गुप्ता का जन्म 14 अगस्त 1963 को हुआ था और उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 1980 में, वह राजनीति में सक्रिय हुए थे और जनता विद्यार्थी मोर्चा से जुड़कर अपनी यात्रा शुरू की थी। 1995 में भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने राजनीति में अपनी पहचान बनाई। इसके बाद, वह दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष भी बने और विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया।
अब गुप्ता होंगे सदन के स्पीकर
दिल्ली विधानसभा में भाजपा की सरकार के गठन के बाद, गुप्ता का स्पीकर के रूप में चयन पार्टी की जीत को दर्शाता है। अब, वही विजेंद्र गुप्ता सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे, जिन्हें कभी मार्शलों द्वारा बाहर निकाला गया था।